डेंगू बीमारी के प्रसार से बचाव के उद्देश्य से धनबाद जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक पैमाने पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही, डेंगू के मरीजों की देखभाल के लिए सुपरिंटेंडेंट नगर महासामुंद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SNMMCH) में विशेष वार्ड बनाए गए हैं। इस वार्ड में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। धनबाद सिविल सर्जन ने बताया कि डेंगू बीमारी से बचाव हेतु जागरूकता की आवश्यकता है। हालांकि, अब तक जिले में किसी भी व्यक्ति के डेंगू मरीज होने की पुष्टि नहीं हुई है।
डेंगू आमतौर पर मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। ये खास प्रकार के मच्छर होते हैं, जिनके शरीर पर चीते जैसी पिंक धारियां होती हैं। ये मच्छर खासकर सुबह के समय काटते हैं। डेंगू की तरह, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां बरसात के मौसम में और उसके बाद, जुलाई से अक्टूबर के बीच, तेजी से फैलती हैं। धनबाद सिविल सर्जन ने लोगों से अपील की है कि वे अपने आसपास स्थित साफ पानी का इकट्ठा नहीं करने दें।
डेंगू के लक्षण
सिविल सर्जन डॉक्टर चंद्र भानु प्रताप ने बताया कि बदलते मौसम में कई प्रकार की बीमारियाँ अपना प्रकोप कर लेती हैं, जैसे कि डेंगू, मलेरिया आदि। इस मौसम में मच्छर बहुत तेजी से पनपते हैं। इसका कारण है कि यदि ठीक से ध्यान न दिया जाए तो डेंगू, चिकनगुनिया या मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियाँ तेजी से फैल सकती हैं। आमतौर पर, मच्छर से होने वाली बीमारियों में तेज बुखार, डायरिया, मतली, उल्टी आदि समस्याएं शामिल होती हैं। हालांकि कुछ मामलों में यह संकेतिक भी हो सकती हैं। डेंगू बुखार के लक्षणों में तेज बुखार, शरीर पर दाने, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं।
क्या संक्रामक रोग है डेंगू?
सिविल सर्जन डॉक्टर चंद्र भानुप्रताप ने बताया कि जो व्यक्ति डेंगू से प्रभावित होता है, उसके शरीर में अधिक मात्रा में डेंगू वायरस पाया जाता है। साथ ही, जब कोई एडीज़ मच्छर किसी डेंगू मरीज को काटता है, तो वह उसका रक्त भी पी लेता है। इसके बाद, जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो उसे भी डेंगू हो जाता है, क्योंकि मच्छर के काटने से उसके शरीर में भी वायरस पहुंच जाता है। इस कारणवश, डेंगू को संक्रामक रोग के रूप में माना जाता है, क्योंकि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसारित हो सकता है।