हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन सर्व कर्मचारी संघ ने पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलन तेज करने की रूपरेखा तैयार कर ली है। आंदोलन की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए संघ ने पहली नवंबर को कर्मचारी भवन रोहतक में एनपीएस कर्मियों का राज्यस्तरीय सम्मेलन बुलाया है। इस सम्मेलन में सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों, नगर निगमों, परिषदों, पालिकाओं की यूनियन एवं एसोसिएशन में कार्यरत एनपीएस के कर्मचारियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के विरोध मे कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कई राज्यों में कर्मचारियों के वेतन से काटी जाने वाली राशि को जमा नहीं कराया जा रहा, जिसमें बड़े घोटाले की आशंका है। इसी कारण सातवें वेतन आयोग ने भी एनपीएस को समाप्त कर कोई अन्य बेहतर पेंशन स्कीम लागू करने की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने इसे अनदेखा कर दिया।
सुभाष लांबा के अनुसार केंद्र में यह स्कीम जनवरी 2004 से लागू की गई, जबकि हरियाणा में जनवरी 2006 से लागू है। योजना के तहत कर्मचारियों को अंशदान के मुताबिक ही पेंशन मिलेगी। वेतन से प्रतिमाह 10 प्रतिशत राशि की कटौती के बाद इतनी ही राशि सरकार जमा कराएगी। सेवानिवृति पर इस राशि का 40 प्रतिशत ग्रेच्युटी के रूप में दे दी जाएगी। बाकी राशि को शेयर बाजार में लगाया जाएगा। बाजार के उतार-चढ़ाव के हिसाब से पेंशन का निर्धारण होगा। इसके लिए बकायदा पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथारिटी (पीएफआरडीए) का गठन किया गया है।
आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंम्पलाइज फेडरेशन, एसटीएफआइ, केंद्रीय कर्मचारियों एवं उनकी कान्फेडरेशन के द्वारा किए गए आंदोलन के दबाव में एनपीएस में कुछ संशोधन हुए हैं, लेकिन सरकार इसे रद नहीं कर रही है। सतीश सेठी ने बताया कि लोकसभा चुनाव से पूर्व 2019 में केंद्र सरकार ने सरकारी अंशदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया था, लेकिन हरियाणा सरकार ने अभी तक यह बढ़ोतरी नहीं की है, जिस कारण प्रत्येक कर्मचारी को औसतन एक हजार रुपये का नुकसान प्रति माह हो रहा है।
सुभाष लांबा व सतीश सेठी के अनुसार निरंतर आंदोलन के कारण ही 20 लाख रुपये डीसीआरजी व कई आवश्यक कारणों में निकासी का प्रविधान हो पाया है। आंदोलन के कारण ही एनपीएस कर्मचारी की एक्सीडेंटल मृत्यु पर एनपीएस की राशि जमा करवाने के उपरांत आश्रित को पुरानी पेंशन के तहत पेंशन मिलने का प्रविधान हुआ है। उन्होंने दो टूक कहा कि कर्मचारियों की मांग एनपीएस रद कर पुरानी पेंशन बहाली की है और जब तक यह मांग पूरी नहीं होगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।