दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर ऐट्रोफी (SMA) से पीड़ित दिल्ली के 18-महीने के बच्चे को ‘ज़ोल्गेन्स्मा’ (विश्व की सबसे महंगी दवा) दी गई है। बच्चे की मां ने कहा, “हम उसके इलाज के लिए दर-दर भटकते रहे…हम पर जो गुज़री, वो हम ही जानते हैं।” करीब 1.5 लाख लोगों से ₹10.50 करोड़ जुटाए, जिससे बच्चे का इलाज संभव हो पाया।