पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने अपने जांच के दौरान कपूरथला जिले के फगवाड़ा में स्थित गोल्डन संधर शुगर मिल से संबंधित हैरानीजनक तथा साहमणे लिये हैं। मिल, जिसे पहले वाहिद संधर शुगर मिल वजों जाना जाता था, पिछले चार सालों से गन्ना काश्तकारों के बकाए दा निबेड़ा नहीं कर सकी और मिल वल किसानों के लगभग 40 करोड़ 71 लाख 68 हजार रुपए बकाया है।
इस प्रगटावा करते हुए विजिलेंस ब्यूरो के बुलारे ने दस्सा कि यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब नवंबर के पहले हफ्ते गन्ने का पीड़ा सीजन शुरू हो रहा है। गन्ना काश्तकारों की बार-बार मांगों के बावजूद, गोल्डन संधर शुगर मिल अपनी वाहिद संधर शुगर मिल वेले के मैनेजमेंट से लेकर अपनी वित्ती जिम्मेवारियों को भट्टदी आ रही है।
इसके अलावा एक बहुत ही हैरानीजनक तथा यह है कि किसानों को अब आई.डी.बी.आई. बैंक फगवाड़ा से लीगल नोटिस मिल रहे हैं, जिसमें उन्हें प्रति किसान के हिसाब से बैंक को कुल 3,00,000 रुपए का के.सी.सी. (किसान क्रेडिट कार्ड) कर्ज़ा मोड़ने के लिए कहा जा रहा है। इससे हैरान करने वाली बात यह है कि किसानों को अब बैंक से कर्ज़ लेने या कर्ज़े के फंडों का उपयोग करने के बारे में कुछ भी पता नहीं है। इस उलझनटानी कारण बने हालातों के कारण गन्ना काश्तकारों को काफ़ी नुकसान झेलना पड़ा है और उन्हें गन्ने की फसल की 40 करोड़ 71 लाख 68 हजार रुपए की अदाइगी नहीं की गई है।
इसके साथ ही तकरीबन 600 किसान अपने आप को के.सी.सी. कर्जे की देनदारी संबंधित बने जमींदारी में फसे महसूस कर रहे हैं, जिसके अनुसार मिल की गारंटीशिप अधीन हरेक किसान वाल 3,00,000 रुपए की देनदारी कट रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा किसानों के हितों को ध्यान में रख कर इस उलझनटानी का हल निकलने की उम्मीद नाल स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।