64 करोड़ के घोटाले के दोष अधीन 42 और नए दोषी नामज़द विजीलैंस ब्यूरो द्वारा 8 दोषी गिरफ़्तार, बाकियों की तलाश जारी
चंडीगढ़ 18 नवंबर (डेस्क न्यूज़9) जालंधर-चिंतपूर्णी हाईवे के लिए अधिग्रहित ज़मीन के लिए केंद्र सरकार से प्राप्त मुआवज़े की वितरण राशि में बहु-करोड़ी घोटाले में विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से गठित तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम ने 8 दोषी गिरफ़्तार किए हैं। इनमें एस.डी.एम. होशियारपुर और तहसीलदार होशियारपुर के दफ्तरों से काफ़ी रिकार्ड गायब पाए गए।
एसआईटी की तफ्तीश में सामने आया कि तत्कालीन एसडीएम आनंद सागर ने लुईस बर्जर कंपनी की तरफ से तैयार की ड्राफ्ट 3-ए शड्यूल योजना को गलत तरीके से बदल दिया और ज़मीन का 64 करोड़ रुपए का मुआवज़ा अपने परिचतों को इस नयी सड़क के साथ ख़रीदी ज़मीन के लिए जारी कर दिए। जांच के दौरान ब्यूरो ने इस मामले में धारा 201 जोड़ दी है और 42 और नये मुलजिमों को नामज़द किया गया है। इनमें से 8 मुलजिमों को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि तत्कालीन आनंद सागर शर्मा एस.डी.एम.-कम-कुलैकटर और भूमि ग्रहण अफ़सर होशियारपुर समेत कुल 13 मुलजिमों को गिरफ़्तार किया गया था, जिनमें बलजिन्दर सिंह तहसीलदार होशियारपुर, मनजीत सिंह नायब तहसीलदार होशियारपुर, दलजीत सिंह पटवारी गाँव खवासपुर (पिप्पलांवाला), परविन्दर कुमार पटवारी निवासी गाँव खवासपुर, सुखविन्दरजीत सिंह सोढी रजिस्टरी क्लर्क, देवीदास डीड राईटर, हरपिन्दर सिंह गिल निवासी महाराजा रणजीत सिंह नगर होशियारपुर, सतविन्दर सिंह ढट्ट और अवतार सिंह जौहल दोनों निवासी मोहल्ला टिब्बा साहिब होशियारपुर और जसविन्दर पाल सिंह निवासी लिली काटेज, सुतेहरी रोड होशियारपुर शामिल हैं। इन सभी को पहले ही गिरफ़्तार या जांच में शामिल किया जा चुका है।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि कार्यकारी इंजीनियर लोक निर्माण विभाग होशियारपुर से उक्त शड्यूल ड्राफ्ट 3-ए प्राप्त करने के उपरांत तत्कालीन एसडीएम होशियारपुर आनंद सागर शर्मा ने इसमें दर्ज दस्तावेज़ों की तस्दीक करनी थी परन्तु उन्होंने उक्त ड्राफ्ट शड्यूल को अपने दफ़्तर में 4 महीनों से अधिक समय के लिए लम्बित रखा। इस मामले में उक्त मुलजिम एसडीएम आनंद सागर शर्मा ने नोटिफिकेशन के लिए शड्यूल 3 ए में उक्त पाँच गाँवों के खसरा नंबरों को पूरी तरह बदल दिया। उक्त बदले हुए खसरा नंबर नोटिफिकेशन 3-डी और 3-जी में भी प्रकाशित किये गए थे। उक्त दोषी एस. डी. एम ने अपने अधीन पटवारी से झूठी रिपोर्टें लेकर ज़मीन की किस्म को गलत तरीके से कृषि से रिहायशी/ व्यापारिक बना दिया और इस सम्बन्धी झूठा परिवर्तन सर्टिफिकेट तैयार कर लिया।
बताने योग्य है कि नेशनल हाईवे एक्ट 1956 की धारा 3 सी के अंतर्गत ज़मीन मालिकों की तरफ से नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहित की गई ज़मीन सम्बन्धी 40 आवेदन पत्र आनंद सागर शर्मा की तरफ से प्राप्त करके ज़िला होशियारपुर के तहसीलदार होशियारपुर के द्वारा सम्बन्धित कानूनगो होशियारपुर, नसराला और प्रेमढ़ को रिपोर्ट के लिए भेजी गई थीं। मुलजिम आनंद सागर शर्मा की तरफ से इन 40 आवेदन पत्रों की रिपोर्ट तहसीलदार होशियारपुर से प्राप्त न होने के बावजूद भी उसने अपने निजी लाभ के लिए गाँव खवासपुर में अपने परिचित व्यक्तियों की तरफ से खरीदी ज़मीनें सम्बन्धित नेशनल हाईवे एक्ट अधीन प्राप्त 4 आवेदन पत्र अलग तौर पर लिये। उसने उक्त ज़मीन की गलत तस्दीक करवा कर उक्त ज़मीन पर स्थापित कालोनी के तौर पर सम्बन्धित पटवारी से सीधे तौर पर झूठी रिपोर्ट प्राप्त की, जबकि नोटिफिकेशन 3 डी और 3 जी में इन ज़मीनें की किस्म ’चाही’ (काश्तयोग) के तौर पर बतायी गई थी।