तत्कालीन केंद्रीय गृह सचिव ने कार्रवाई में देरी पर उठाए थे सवाल
चंडीगढ़: (डेस्क न्यूज़9 पंजाब) पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार और भाजपा नेतृत्व केंद्र सरकार के बीच एक और टकराव की संभावना है, क्योंकि राज्य सरकार वरिष्ठ पुलिस और नागरिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में टाल-मटोल कर रही है। इनपर पिछले साल जनवरी में पंजाब यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध लगाने का आरोप लगाया गया था। पंजाब सरकार ने केंद्र को भेजे जवाब में वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए और समय मांगा है।
सूत्रों के अनुसार लगभग डेढ़ महीने पहले गृह मंत्रालय ने पंजाब के मुख्य सचिव को दूसरा पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में देरी पर नाराजगी व्यक्त की थी। इस साल मार्च में तत्कालीन केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सुरक्षा उल्लंघन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में देरी पर सवाल उठाया था। राज्य सरकार ने कथित तौर पर केंद्र सरकार को बताया है कि वरिष्ठ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। वरिष्ठ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए एक जांच समिति का गठन करना होगा। संकेतित अधिकारियों को जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए समय देना होगा।
दिलचस्प बात यह है कि 21 नवंबर को गृह मंत्रालय के पत्र के बाद राज्य सरकार ने बठिंडा के पुलिस अधीक्षक गुरबिंदर सिंह संघा को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। घटना के समय, संघा को कर्तव्य में लापरवाही के लिए 2 डीएसपी रैंक के अधिकारियों पारसन सिंह और जगदीश कुमार के अलावा 2 इंस्पेक्टर, 1 एसआई और 1 एएसआई के साथ फिरोजपुर के एसपी के रूप में तैनात किया गया था।