अमरीका के कैलिफोर्निया में 4 बेगुनाह भारतीय नागरिकों की मौत से पूरा देश सन्न है। उनको अगवा करने के बाद जिस बेरहमी से कत्ल किया गया, उसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। पंजाब का वो परिवार कामयाबी और पैसा कमाने के लिए हिन्दुस्तान से 13,258 किलोमीटर दूर कैलिफोर्निया के मर्सिड काऊंटी में रहने लगा था। वहां उन्होंने ट्रांसपोर्ट का कारोबार शुरू किया था लेकिन महज कुछ ही दिनों में ये परिवार एक दरिंदे का शिकार बन गया। पंजाब के होशियारपुर जिले में मौजूद है हरसी पिंड। वहीं के मूल निवासी थे 36 साल के जसदीप सिंह, 27 साल की जसलीन कौर, 39 साल के अमनदीप सिंह और 8 महीने की बच्ची आरूही। यह परिवार कैलिफोर्निया के मर्सिड काऊंटी में रहता था, जो वहां का एक ग्रामीण इलाका है। सिंह परिवार ने एक हफ्ते पहले ही कैलिफोर्निया में ट्रकिंग यानी ट्रांसपोर्ट का बिजनैस शुरू किया था, लेकिन इसी दौरान उनके साथ कुछ ऐसा हो गया कि उस पर यकीन कर पाना भी मुश्किल है।
दरवाजा खुलते ही पिस्तौल तानी
वो सोमवार का दिन था। जसदीप सिंह, जसलीन कौर, अमनदीप सिंह और 8 महीने की बच्ची आरूही अपने घर पर मौजूद थे। तभी एक शख्स उनकी बिल्डिंग में दाखिल होता है। उसके हाथ में पिस्तौल दिखाई देती है। कुछ देर बाद वो सिंह परिवार के दरवाजे पर दस्तक देता है। दरवाजा खुलते ही वो उन पर पिस्तौल तान देता है। इससे पहले कि वो परिवार कुछ समझ पाए, वो उन चारों लोगों को घर से बाहर चलने के लिए कहता है। परिवार के तीनों बड़े सदस्य यानी जसदीप, जसलीन और अमनदीप घबरा जाते हैं। जसलीन फौरन अपनी 8 माह की बच्ची आरूही को अपने सीने से लगा लेती है। इसके बाद वो जसदीप और अमनदीप के हाथ पीछे तरफ बंधवा देता है। फिर हथियारधारी शख्स उन सभी को आगे चलने के लिए कहता है और वे चारों ऐसा ही करते हैं। वो अपने घर से बाहर निकलकर मेन गेट की तरफ बढ़ने लगते हैं।
परिवार को उन्हीं के ट्रक में किया किडनैप
बल्डिंग के बाहर जसदीप और अमनदीप का ट्रक खड़ा होता है। आरोपी उन चारों को लेकर उस ट्रक की तरफ बढ़ता है और फिर उन सभी को उस ट्रक में बैठाकर वहां से निकल जाता है। या यूं कहें कि वो शख्स उस पूरे परिवार को उन्हीं के ट्रक में अगवा करके वहां से भाग निकलता है। अपहरण की ये पूरी वारदात वहां लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों में दर्ज हो जाती है। पुलिस के मुताबिक आरोपी उन चारों भारतीयों को लेकर एटवाटर नामक जगह पर एक सुनसान इलाके में बने मकान पर पहुंचता है और उन सभी को वहां बंधक बनाकर रखता है। इस वारदात के बारे में पता तब चलता है, जब अपहरणकत्र्ता इस सिख परिवार के ट्रक को एक सड़क किनारे खड़ा करके आग के हवाले कर देता है। ट्रक में लगी आग देखकर कोई राहगीर पुलिस को सूचना देता है।
ट्रक से परिवार के घर तक पहुंची पुलिस
पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचती है। ट्रक की आग बुझाई जाती है और फिर ट्रक के मालिक की खोजबीन शुरू होती है। पुलिस ट्रक की रजिस्ट्रेशन प्लेट और चेसिस नंबर की मदद से ट्रक मालिक का पता लगा लेती है। जब पुलिस उस पते पर पहुंचती है तो पता चलता है कि ट्रक मालिक का पूरा परिवार गायब है। भारतीय परिवार के गायब होने की सूचना वायरलैस पर प्रसारित की जाती है। पुलिस परिवार की तलाश में जुट जाती है। इसी दौरान एक पैट्रोलिंग कार को इंडियाना रोड और हचिन्सन रोड के पास एक बागीचे से 4 लाशें बरामद होती हैं जिसमें 2 पुरुष, एक महिला और एक बच्ची की लाश शामिल होती है। पुलिस शिनाख्त करती है और पता चलता है कि वो लाशें किसी और की नहीं बल्किउन 4 भारतीय नागरिकों की हैं, जो लापता थे। अब सबसे बड़ा सवाल था कि आखिर इस भारतीय परिवार से किसी की क्या दुश्मनी थी? जिसमें महज कुछ दिन पहले ही वहां जाकर कारोबार शुरू किया था। पुलिस इस मामले हर लिहाज से तहकीकात करती है। तफ्तीश के दौरान पुलिस को उस बिल्डिंग की सी.सी.टी.वी. फुटेज मिलती है, जहां से भारतीय सिख परिवार को अगवा किया गया था। सी.सी.टी.वी. फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि एक शख्स पिस्तौल की नोक पर पूरे परिवार को अगवा कर बाहर ले जा रहा है। उस दौरान बाहर निकलते समय जसदीप और अमनदीप के हाथ बंधे हुए है। उसके बाद जसलीन और 8 महीने की बच्ची के साथ आरोपी बिल्डिंग से बाहर निकलता हुआ दिखाई दे रहा है। पुलिस अपनी जांच का दायरा बढ़ा देती है। सी.सी.टी.वी. फुटेज की मदद से आरोपी शख्स की पहचान की जाती ह
आरोपी के आपराधिक रिकार्ड का हुआ खुलासा
कैलिफोर्निया पुलिस के मुताबिक इस सामूहिक हत्याकांड के संदिग्ध आरोपी की पहचान 48 साल के जीसस मैनुअल सैलगैडो के तौर पर होती है। इसके बाद पुलिस सर्विलांस और जासूसों की मदद से कातिल तक पहुंच जाती है। वारदात के अगले दिन ही आरोपी सैलगैडो को गिरफ्तार कर लिया जाता है। जब पुलिस उसका पिछला रिकार्ड तलाशती है, तो हैरान करने वाला खुलासा होता है। भारतीयों के सामूहिक कत्ल की वारदात को अंजाम देने वाला शख्स जीसस मैनुअल सैलगैडो आदतन अपराधी है। कैलिफोर्निया या डिपार्टमैंट ऑफ करैक्शंस एंड रिहैबिलिटेशन के अनुसार, एक डकैती के मामले में उसे 11 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था। साल 2015 में उसे जेल से रिहा किया गया था. उसकी रिहाई पैरोल पर की गई थी। दरअसल, सैलगैडो को पहले भी मर्सिड काऊंटी में एक बंदूक के इस्तेमाल के साथ प्रथम श्रेणी की डकैती का दोषी ठहराया गया था। साथ ही उस पर पीड़ित या गवाह को रोकने या रोकने की कोशिश का इल्जाम भी था। उस पर नशीला पदार्थ रखने का भी आरोप है। पुलिस ने जब इस मामले में उसे गिरफ्तार किया तो उसने खुदकुशी की कोशिश भी की। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे नशे का इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया। इस मामले की जांच में जुटे अधिकारियों ने पाया कि आरोपी जीसस और पीड़ित सिख परिवार के बीच कोई संबंध नहीं था। इससे साबित होता है कि अपहरण से पहले वो एक-दूसरे को जानते भी नहीं थे।
जसदीप, जसलीन व अमनदीप को गोली मारी, बच्ची भूख से मरी
पुलिस के मुताबिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि जसदीप, जसलीन और अमनदीप को गोली मारी गई थी, जबकि मासूम बच्ची की मौत की वजह भूख बताई जा रही है। हालांकि इस जघन्यकांड की जांच अभी भी जारी है। सिख परिवार के रिश्तेदारों को सूचना दे दी गई है। मगर इस वारदात को अंजाम देने के पीछे कातिल का मकसद क्या है, ये पता नहीं चल पाया है। क्योंकि न तो इस वारदात के दौरान कोई लूट हुई और न ही कोई फिरौती मांगी गई। तो आखिर आरोपी ने भारतीय परिवार को क्यों मारा? अभी पुलिस इस सवाल का जवाब तलाश कर रही है।