suspension of Indian Wrestling Federation: खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, खेल मंत्रालय ने कहा. हमने डब्ल्यूएफआई को बर्खास्त नहीं किया है, उन्हें एक खेल संगठन के रूप में कार्य करने के लिए प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की आवश्यकता है।
भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे। चुनाव में संजय सिंह को WFI का नया अध्यक्ष चुना गया. संजय सिंह बीजेपी सांसद और भारती कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं. उनके अध्यक्ष चुने जाने के बाद पहलवानों ने बड़े पैमाने पर अपनी नाराजगी जाहिर की. दिग्गज पहलवान अपने मेडल लौटाने लगे.
उल्लेख करने योग्य है. सबसे पहले 21 दिसंबर को संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद पहलवान साक्षी मलिक ने मीडिया के सामने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी. इसके बाद 22 दिसंबर को ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बजरंग पुनिया अपना पदमश्री लौटाने के लिए दिल्ली रवाना हो गए और पदक लौटाने का कोई विकल्प न देखकर अपना पदक दिल्ली पुलिस के पास छोड़ गए। इसके बाद पहलवान वीरेंद्र सिंह यादव ने पहलवानों के समर्थन में अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया है. दरअसल, भारतीय महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
जब्कि खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष के रूप में बृज भूषण शरण सिंह के वफादार संजय सिंह के चुनाव के विरोध में पहलवान बजरंग पुनिया द्वारा अपना पद्मश्री लौटाने के विवाद में खुद को शामिल होने से इनकार कर दिया। इस से पहले ही ओलंपिक पदक विजेता पुनिया शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और विरोध पत्र सौंपने के लिए नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर पहुंचे थे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोककर पद्मश्री पदक फुटपाथ पर रख दिया था।
पहलवानों ने कहा है कि खेल मंत्रालय ने जो फैसला लिया है, वह सही फैसला है. पुनिया ने कहा कि हमारी बेटियों और बहनों के साथ गलत व्यवहार नहीं होना चाहिए. सभी को न्याय मिलना चाहिए. खिलाड़ियों के साथ कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, हम देश के लिए पदक जीतने के लिए अपना खून-पसीना बहाते हैं, एक सैनिक और एक एथलीट सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं और उस मेहनत से ही इनाम मिलता है।