भारतीय कुश्ती महासंघ को लेकर चला आ रहा घमासान और गहरा गया है। खेल मंत्रालय की ओर से निलंबित कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने साफ कर दिया है कि वह न तो भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से गठित तदर्थ समिति को मानते हैं और न ही मंत्रालय के निलंबन को स्वीकार करते हैं। तदर्थ समिति की ओर से जयपुर में राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराने की घोषणा के बाद संजय ने भी घोषणा कर दी है कि महासंघ राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराने जा रहा है।
कुश्ती महासंघ के चुनाव के तीन दिन बाद खेल मंत्रालय ने कई अनियमितताओं का हवाला देकर उसे निलंबित कर दिया था। इसके बाद आईओए ने भूपिंदर सिंह बाजवा की अगुवाई में तीन सदस्यीय तदर्थ समिति गठित की, जिसमें ओलंपियन एमएम सोमाया और बैडमिंटन खिलाड़ी मंजूषा कंवर शामिल थीं। समिति ने 30 दिसंबर को 2 से पांच फरवरी तक राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराने की घोषणा की, साथ ही सभी राज्य संघों को हिदायत दी कि वे निलंबित महासंघ से वास्ता नहीं रखें। इसके बाद ही संजय सिंह ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराने की घोषणा की है।
कैसे होगी चैंपियनशिप जब राज्य टीमें नहीं भेजेंगे : संजय
संजय सिंह का कहना है कि वह समिति के साथ सहयोग नहीं करेंगे और खुद राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराएंगे। उन्होंने कहा कि हम निलंबन को नहीं मानते हैं और महासंघ आराम से काम कर रहा है। संजय कहते हैं कि समिति कैसे राष्ट्रीय चैंपियनशिप करा सकती है, जब राज्य संघ इसके लिए अपनी टीमें ही नहीं भेजेंगे। हम जल्द ही कार्यकारिणी की बैठक बुलाने जा रहे हैं और उनकी ओर से घोषित चैंपियनशिप से पहले ही राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराएंगे। यह तय है कि अगर महासंघ राष्ट्रीय चैंपियनशिप कराता है तो यह विवाद और ज्यादा गहरा जाएगा।
मंत्रालय को दिया जवाब
संजय ने कहा कि वह मंत्रालय को निलंबन का जवाब देकर कह चुके हैं कि हमने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। हमें उनके जवाब का इंतजार है। अगर वह हमारे साथ जुड़ाव नहीं रखना चाहते हैं तो हमारी भी उनके साथ जुड़ने में रुचि नहीं है। बताते चलें कि कुश्ती महासंघ में बीते एक वर्ष से विवाद चल रहा है। बजरंग, विनेश, साक्षी मलिक ने महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और संजय उनके करीबी हैं। उनके चुने जाने के विरोध में बजरंग, विनेश ने अपने अवॉर्ड लौटाए हैं और साक्षी ने संन्यास लिया है।