पंजाब में पलायन की चर्चा अब आम हो गई है. लाख उदाहरण देने के बाद बात यहीं अटक जाती है कि क्या किया जाए, बस बच्चे नहीं मानते और पंजाबियों के साथ पलायन का जन्म होता है। तो इस बार भी विदेश मंत्रालय ने जो आंकड़े जारी किए हैं. उसमें भी पंजाबियों के विदेश उड़ान भरने के सपने ने पासपोर्ट हासिल करने में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 के दौरान पंजाबियों को 11.94 लाख नए पासपोर्ट जारी किए गए हैं। यह राज्य में अब तक जारी किए गए पासपोर्टों की सबसे अधिक संख्या है।
वर्ष 2023 में सबसे अधिक पासपोर्ट जारी करने के मामले में केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बाद पंजाब चौथे स्थान पर है। एक बड़ा राज्य होने के कारण, पंजाब में पासपोर्ट प्राप्त करने वाली जनसंख्या का प्रतिशत सबसे अधिक है।
जानिए, पिछले दस साल का डेटा
2014 == 5,48,075
2015==6,65,200
2016==6,59,721
2017==9,73,866
2018==10,69446
2019==9,46,797
2020==4,82,418
2021==6,44,679
2022== 9,35,882
2023==11,94000
अगर पिछले 10 सालों में जारी किए गए पासपोर्ट की संख्या की बात करें। तो यह 81.20 लाख है. चूंकि पासपोर्ट जारी करने के लिए 1,500 रुपये का शुल्क देना पड़ता है, इसलिए पंजाबियों द्वारा इस उद्देश्य के लिए 1,218 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है। 2023 में पंजाबियों द्वारा पासपोर्ट बनवाने के लिए चुकाई जाने वाली फीस 179.10 करोड़ रुपये है.
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 से पहले पंजाब में सबसे ज्यादा पासपोर्ट 2018 में 10.69 लाख पासपोर्ट जारी किए गए थे. वहीं साल 2019 में 9.46 लाख पासपोर्ट जारी किए गए. अगले दो वर्षों में कोविड महामारी का प्रसार देखा गया – 2020 और 2021 में संख्या बढ़कर क्रमशः 4.82 लाख और 6.44 लाख हो गई।
माना जा रहा है कि अब ये युवा नहीं बल्कि विदेश में पढ़ाई कर विदेश में बसे पंजाबी युवाओं के बुजुर्ग रिश्तेदार हैं, जिन्हें नए पासपोर्ट मिल रहे हैं।