संयुक्त राष्ट्र स्थित चीनी उप स्थाई प्रतिनिधि ताई पिंग ने 12 अक्तूबर को कहा कि एकतरफा जबरदस्ती के उपाय मानव समाज का कैंसर है, जो अवैध हैं और अनुचित भी हैं। चीन ने अमेरिका और आंशिक पश्चिमी देशों से शीघ्र ही एकतरफा जबरदस्ती के उपायों को रद्द करने का आग्रह किया।
उस दिन “संयुक्त राष्ट्र के चार्टर की रक्षा में मित्र समूह” का एकतरफा जबरदस्ती के उपायों से मानवाधिकार पर नकारात्मक प्रभाव संबंधी बैठक आयोजित हुई, जिसमें भाग लेते समय चीनी प्रतिनिधि ताई पिंग ने कहा कि कुछेक देशों ने अपने घरेलू कानूनों के अनुसार एकतरफा जबरदस्ती के उपाय शुरू किए और लंबी भुजा क्षेत्राधिकार का दुरुपयोग किया, जिसने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों का गंभीरता से उल्लंघन किया, संप्रभु समानता वाले अंतरराष्ट्रीय कानून के मौलिक सिद्धांत का उल्लंघन किया, और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने वाले अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदंडों का उल्लंघन किया। ताई पिंग ने कहा कि अमेरिका और आंशिक पश्चिमी देशों ने मानवाधिकार की आड़ में एकतरफा जबरदस्ती के उपाय किये, जो कि वास्तव में अन्य देशों के मानवाधिकारों का उल्लंघन है। एकतरफा जबरदस्ती के उपाय कई वैश्विक संकटों को बढ़ाते हैं, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक, व्यापारिक, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग में हस्तक्षेप करते हैं, वैश्विक खाद्य, ऊर्जा और वित्तीय सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डालते हैं, विकासशील देशों में आजीविका की कठिनाइयों को बढ़ाते हैं, और यहां तक कि कुछेक कमजोर देशों में मानवीय आपदाएं भी उत्पन्न होती हैं।
चीनी प्रतिनिधि ने कहा कि एकतरफा जबरदस्ती के उपायों का विरोध लंबे समय से हो रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार आवाज उठा रहा है। चीन ने अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में न्याय की मांग का सामना करते हुए एकतरफा जबरदस्ती के उपायों को तुरंत रद्द करने और व्यावहारिक कार्यों के साथ वास्तविक बहुपक्षवाद का अभ्यास करने का आग्रह किया और संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों, यूएन प्रणाली तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से प्रतिबंध लगाए गए देशों को पर्याप्त समर्थन देने और उनके सामने मौजूद यथार्थवादी कठिनाइयों को दूर करने की अपील की।