हिंदी सिनेमा के दिग्गज और मशहूर लेखक-गीतकार जिन्होंने अपने दम पर इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई. वहीं अपनी रचनाओं के अलावा बॉलीवुड के ये लेखक अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं. वे अक्सर देश और समाज से जुड़े कई मुद्दों पर बड़ी बेबाकी के साथ अपने विचार रखते हैं.
पहले ऐसे लेखक जिन्हें सुपरस्टार्स से भी ज्यादा मिली थी फीस
हिंदी सिनेमा पर इस दिग्गज गीतकार का बहुत बड़ा योगदान रहा है. ये बॉलीवुड के पहले ऐसे लेखक थे, जिन्हें करोड़ों में फीस मिली थी. एक दौर ऐसा भी था जब हीरो-हीरोइन नहीं बल्कि इनके नाम से दर्शक फिल्में देखने जाया करते थे. शोले जैसी फिल्मों की बेहतरीन कहानी लिखने वाले ये लेखक कोई और नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा के दिग्गज और मशहूर लेखक-गीतकार जावेद अख्तर हैं. 17 जनवरी को जावेद अख्तर अपना बर्थडे मनाते हैं.
27 रुपये लेकर आए थे मुबंई
वो आज भले ही हिंदी सिनेमा का एक बड़ा नाम हैं, लेकिन यहां तक पहुंचा उनके लिए आसान नहीं रहा. फिल्मी दुनिया में अपने कदम जमाने के लिए गीतकार ने कड़ी मेहनत की, तब जाकर उन्हें ये मुकाम हासिल हुआ.आंखों में बड़े सपने लिए 19 साल की कम उम्र में वह मुंबई आ गए थे. जेब में सिर्फ 27 रुपए लेकर जब वह मुंबई रेलवे स्टेशन पर उतरे, तो उन्हें पता था कि वह जिंगदी में कभी हार नहीं मानेंगे. हुआ भी कुछ ऐसा ही.
सालों तक संघर्ष और कड़ी मेहनत करने के बाद वह दिए आया, जिसका उन्हें बेसब्री से इंतजार था. उन्होंने सलीम खान के साथ मिलकर साल 1975 में आई सुपरहिट फिल्म शोले दी. वहीं जावेद अख्तर का नाम इंडस्ट्री के महंगे गीतकारों में शुमार है. वैसे तो एक गाना लिखने के लिए जावेद अख्तर 10 से 15 लाख रुपए चार्ज करते हैं. लेकिन शाहरुख खान की फिल्म डंकी के लिए उन्होंने 25 लाख रुपये की मोटी रकम वसूली है. उन्होंने फिल्म में ‘निकले थे कभी हम घर से’ गाना लिखा था.
900 करोड़ी फिल्म के खिलाफ बोलने से भी नहीं हिचकते
वहीं हाल ही में जावेद अख्तर ने ‘एनिमल’ के सक्सेस को खतरनाक बताया है. औरंगाबाद में ‘अजंता एलोरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ दे दौरान जावेद अख्तर ने कहा कि ‘अगर कोई फिल्म जिसमें एक आदमी एक औरत से कहे ‘तू मेरे जूते चाट’, अगर एक आदमी कहे ‘इस औरत को थप्पड़ मार देने में क्या खराबी है?” वो फिल्म सुपरहिट हो जाए तो बड़ी खतरनाक बात है.”