कपूरथला के भुलत्थ क्षेत्र से कांग्रेसी MLA सुखपाल सिंह खैहरा की जमानत रद्द करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची पंजाब सरकार को झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तकरीबन 11 बजे सुनवाई शुरू की। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि आरोप बहुत गंभीर हैं। लेकिन, तथ्यों और परिस्थितियों में हम सहमत नहीं हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई बहस के दौरान सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा और विक्रम चौधरी पंजाब सरकार का पक्ष रखने के लिए पहुंचे। वहीं, सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया विधायक खैहरा का पक्ष रखने के लिए पहुंचे।
सुप्रीम कोर्ट का सवाल -और आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल खड़ा किया कि पहली बार में खैहरा के खिलाफ आरोप-पत्र क्यों नहीं दायर किया गया? सुनवाई पूरी हो चुकी है और आखिर में उसे फंसाने की कोशिश कर रहे हैं? मुकदमा खत्म होने तक कोई आरोप नहीं था। जिसके बाद पंजाब सरकार के काउंसिल की तरफ से अपना पक्ष रखा गया। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी ने दोनों पक्षों के वकील को सुना। जिसके बाद आदेश पारित करते हुए कहा कि वे एचसी के आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। एसएलपी खारिज की जाती है।
हाईकोर्ट से मिली चुकी है जमानत
सुखपाल खैहरा को 2015 के एक पुराने ड्रग केस में जांच चल रही थी। इसमें DIG की अगुआई में बनी SIT की रिपोर्ट के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई थी। वह 28 सितंबर 2023 से जेल में बंद थे। इस मामले में माननीय हाईकोर्ट ने 4 जनवरी 2024 को सुखपाल खैरा की जमानत मंजूर कर ली थी लेकिन उसी दिन सुबह लगभग 3:00 बजे कपूरथला के सुभानपुर थाने में उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज हुई जिसमें कपूरथला पुलिस ने उन्हें नाभा जेल से गिरफ्तार कर दिया था। माननीय हाई कोर्ट से NDPS एक्ट के मामले में मिली जमानत को रद्द करवाने के लिए पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।