भारत की सबसे लोकप्रिय कैब सर्विस की कंपनियों में से एक ओला के फाउंडर भविश अग्रवाल ने आज भारत की अपनी मेड इन इंडिया एआई चैटबॉट सर्विस को लॉन्च किया है. इस चैटबॉट सर्विस का नाम कृत्रिम (Krutrim) है. यह भारत में चैटजीपीटी और जेमिनी जैसे अमेरिकन एआई चैटबॉट सर्विस को टक्कर देगा. आइए हम आपको इसके बारे में बताते हैं.
ChatGPT और Gemini से होगा कंप्टीशन
भारत समेत पूरी दुनिया में पिछले कुछ महीनों से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई टेक्नोलॉजी ने अपने पैर काफी तेजी से फैलाने शुरू कर दिए हैं. इसी का नतीजा है कि चैटबॉट जैसी कई सर्विस अब लोगों की जरूरत बनती जा रही है. अमेरिका की एआई कंपनी OpenAI ने सबसे ChatGPT नाम की चैटबॉट सर्विस को सबसे पहले लॉन्च करके काफी लोकप्रियता हासिल की और दुनियाभर के करोड़ों यूज़र्स को समझ में आया कि एआई से बनी चैटबॉट सर्विस कितने काम की चीज है. ऐसे में दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल कैसे पीछे रह सकती थी. गूगल ने भी अपनी एआई चैटबॉट सर्विस लॉन्च की, जिसका नाम Gemini रखा गया.
इंडिया की चैटबॉट सर्विस
अमेरिका की तरह भारत में भी एआई का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है और यही कारण है कि अब ओला के फाउंडर भविश अग्रवार ने भारत में बनी एआई चैटबॉट सर्विस को लॉन्च कर दिया है, जिसका नाम कृत्रिम रखा गया है. कृत्रिम एक हिंदी शब्द है, जिसका अर्थ बनावटी होता है. इसे अंग्रेजी में आर्टिफिशियल (Artificial) भी कहते हैं. कृत्रिम को आज यानी 26 फरवरी को पब्लिक बीटा में लॉन्च कर दिया है. इसका मतलब है कि अब आम यूज़र्स भी इस सर्विस का इस्तेमाल कर पाएंगे. यह बिल्कुल वैसे ही काम करेगा जैसा कि चैटजीपीटी और जेमिनी करते हैं.
LLM पर काम करेगा कृत्रिम
आपको बता दें कि यह लॉन्च कृत्रिम द्वारा 1 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर 50 मिलियन डॉलर की फाइनेंसिंग का खुलासा करने के एक महीने बाद हुआ है, जो 2024 में देश का पहला स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन जाएगा. कंपनी ने उल्लेख किया कि यह देश का पहला एआई यूनिकॉर्न है. कंपनी ने इस सर्विस का ऐलान पिछले साल के दिसंबर महीने में किया था. यह कंपनी का ऐसा पहला प्रॉडक्ट है, जो मल्टीपल लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLM) पर काम करता है, और इसका नाम कृत्रिम है.
Hinglish समेत कई भाषाओं का सपोर्ट
ओला के फाउंडर भविश अग्रवाल ने इस नई चीज के बारे में जानकारी देते हुए अपने एक्स (पुराना नाम ट्विटर) पर किए गए पोस्ट में लिखा कि, यह हमारे लिए सिर्फ एक शुरुआत है और यह हमारा फर्स्ट जेनरेशन प्रॉडक्ट है. अभी और भी बहुत कुछ आना बाकी है और हमे इसे भी बेहतर करते जाएंगे.
उन्होंने कहा कि कृत्रिम 10 से ज्यादा भारतीय भाषाओं में लोगों की मदद करेगा, जिसमें हिंदी, तमिल, बंगाली, मराठी, कन्नड़ा और गुजराती जैसे कई भाषाएं शामिल हैं. इन सबके अलावा भारत का यह चैटबॉट हिंग्लिश यानी हिंदी और इंग्लिश की मिक्स भाषा में भी लोगों की मदद करने में सक्षम है.