लोकसभा चुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है। 7 चरणों में हो रहे इन चुनावों में पंजाब इस अंतिम दौर के चरण में शामिल है। पंजाब में 1 जून को चुनाव होंगे जबकि मतगणना 4 जून को होगी। इस देरी से भीषण गर्मी में हो रहे चुनावों के कारण पंजाब के नेताओं, पार्टी वर्करों व आम जनता पर भी कई तरह के प्रभाव देखने को मिलेंगे।
वहीं पंजाब में चुनावों के परिणाम चाहें जो भी हों, केंद्र में सरकार चाहे जिसकी भी बने, लेकिन देश भर में अधिकतर मतदाताओं को एक फायदा तो होगा, कि इस बार जहां भी बिजली के कट लगते हैं, वहां पर राहत रहेगी। चुनावों में जनता जनार्दन के रोष का सामना न करना पड़े, इसके लिए अधिकतर राज्य अपने यहां बिजली की व्यवस्था पूरी रखेंगे। जिस तरह से गर्मियों में बिजली की डिमांड बढ़ जाती है, उस हिसाब से इस डिमांड को पूरा करने के लिए राज्यों की सरकारें अभी से तैयारी में जुट गई हैं।
सभी राज्यों की सरकारों को चिंता है कि कहीं यह न हो कि गर्मी में बिजली के लगने वाले कट राज्य के मतदाताओं को विपक्षी दल के पक्ष में वोट करने के लिए मजबूर कर दे। हालांकि यह बात उन राज्यों में लागू नहीं होती, जहां पर भीषण गर्मी नहीं पड़ती और न ही बिजली के कट लगते हैं।