लोकसभा चुनाव में अब कुछ दिन ही रह गए हैं। इस बीच अब कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा शुरू हो गया है। इस मुद्दे पर पीएम मोदी ने भी DMK और कांग्रेस को खरी खोटी सुनाई है। इसके अलावा अब भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी श्रीलंका को कच्चातिवु द्वीप देने के मुद्दे को लेकर सोमवार (1 अप्रैल, 2024) को प्रतिक्रिया को जाहिर किया।
उन्होंने कहा, ‘पिछले 20 वर्षों में, 6184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका ने हिरासत में लिया है और 1175 भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं को श्रीलंका द्वारा जब्त, हिरासत में लिया गया है या पकड़ा गया है। यह उस मुद्दे की पृष्ठभूमि है जिस पर हम चर्चा कर रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में संसद में विभिन्न दलों द्वारा कच्चातिवू मुद्दा और मछुआरों का मुद्दा बार-बार उठाया गया है। यह संसद के सवालों, बहसों और सलाहकार समिति में सामने आया है। तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मुझे कई बार पत्र लिखा है और मेरा रिकॉर्ड बताता है कि मौजूदा सीएम को मैं इस मुद्दे पर 21 बार जवाब दे चुका हूं। ये कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जो अचानक सामने आ गया हो। यह एक जीवंत मुद्दा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर संसद और तमिलनाडु के हलकों में काफी बहस हुई है। यह केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच पत्राचार का विषय रहा है…अब, तमिलनाडु में हर राजनीतिक दल ने इस पर अपना रुख अपनाया है… दो दलों, कांग्रेस और द्रमुक, ने इस मामले को ऐसे उठाया है जैसे कि उनकी इसके लिए कोई ज़िम्मेदारी नहीं है। मानो स्थिति को आज की केंद्र सरकार को हल करना है, इसका कोई इतिहास नहीं है, यह बस हुआ है, वे लोग हैं जो इस मुद्दे को उठा रहे हैं; इसी तरह से वे इसे पेश करना चाहेंगे…”
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने रविवार (31 मार्च, 2024) को कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कच्चातिवु द्वीप को फालतू बताकर कांग्रेस ने मां भारती का एक अंग काट दिया था। उन्होंने कहा, ”शौर्य की इस धरती से आज मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं कि कैसे कांग्रेस और इंडी गठबंधन देश की अखंडता एवं देश की एकता को तोड़ते रहे हैं। आज ही कांग्रेस का एक और देश विरोधी कारनामा देश के सामने आया है।” इस बयान को लेकर डीएमके और कांग्रेस ने पलटवार किया था।
डीएमके के संगठन सचिव आर एस भारती ने कहा कि पीएम मोदी के पास दिखाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। डीएमके ने द्वीप को 1974 में श्रीलंका को दिये जाने का विरोध किया था।वहीं कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी चीन की घुसपैठ’ पर जवाब दें।