आज राम नवमी के पावन अवसर पर अयोध्या के राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के बाद पहला राम उत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर रामलला का सूर्यतिलक हुआ। रामनवमी पर अयोध्या के मंदिर में भव्य और दिव्य नजारा देखने को मिला इस मौके पर श्रद्धालुओं का भी जनसैलाब उमड़ा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रामलला के सूर्याभिषेक के मौके पर दुनियाभर के रामभक्तों से आग्रह किया था कि वे इस अद्भुत क्षण के साक्षी जरूर बनें. पीएम मोदी ने कहा कि दिव्य-भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ये पहली रामनवमी है, जिसमें प्रभु श्रीराम के सूर्य तिलक का अलौकिक अवसर भी आया है. दुनियाभर के राम भक्तों से मेरा आग्रह है कि वे इस अद्भुत क्षण का साक्षी जरूर बनें।
परियोजना से जुड़े सीएसआईआर-सीबीआरआई रूड़की के वैज्ञानिक डॉ. एसके पाणिग्रही ने कहा कि सूर्य तिलक परियोजना का मूल उद्देश्य प्रत्येक श्री राम नवमी के दिन श्री राम की मूर्ति के माथे पर ‘तिलक’ लगाना है। परियोजना के तहत, हर साल चैत्र माह में श्री राम नवमी पर दोपहर के समय भगवान राम के माथे पर सूरज की रोशनी लाई गई। हर साल रामनवमी के दिन सूर्य की स्थिति बदलती है। पाणिग्रही ने कहा, विस्तृत गणना से पता चलता है कि राम नवमी की तारीख हर 19 साल में दोहराई जाती है।
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रूड़की के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के अनुसार, नियोजित तिलक का आकार 58 मिमी है। उन्होंने कहा, माथे के केंद्र पर तिलक लगाने की सही अवधि लगभग तीन से साढ़े तीन मिनट है, जिसमें दो मिनट पूर्ण रोशनी होती है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य, अनिल मिश्रा ने कहा, “सूर्य तिलक के दौरान, भक्तों को राम मंदिर के अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी। मंदिर ट्रस्ट द्वारा लगभग 100 एलईडी और सरकार द्वारा 50 एलईडी लगाई जा रही हैं, जिससे रामनवमी समारोह दिखाएं। लोग जहां मौजूद हैं वहां से उत्सव देख सकेंगे।”