लोकसभा चुनावो में कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग को लुधियाना से उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वरुण मेहता ने त्यागपत्र देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लुधियाना के हजारों कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्त्ताओं की अनदेखी कर बाहरी उम्मीदवार बनाकर खुद ही लुधियाना सीट विपक्षी दलों की झोली में डाल दी है।
वरुण मेहता ने बताया कि पिछले 4 वर्षो में कांग्रेस हाईकमान द्वारा संगठन में सिर्फ एक ही सूची पूर्व प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के समय जारी की गई थी जिसमें मेहता सहित 38 अन्य प्रवक्ता नियुक्त किए गए जिसमे कई सांसद, पूर्व विधायक व अन्य पार्टी नेता थे। मेहता ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि चुनाव लड़ना हर नेता व कार्यकर्त्ता का हक है लेकिन शहर के नेताओं व कार्यकर्त्ताओं की अनदेखी कर पार्टी की सर्वोच्च लीडरशिप द्वारा तानाशाही का रवैया अपनाना बेहद निराशाजनक है।
विधानसभा चुनावों में भी यही नतीजे आए क्योंकि लीडरशिप हमेशा मनमाना रवैया अपनाती है जबकि कांग्रेस पार्टी सबसे पुराना राजनीतिक दल है जिसमें करोड़ों कार्यकर्त्ता नि:स्वार्थ भाव से पार्टी का झंडा उठाकर सेवा करते रहे लेकिन लीडरशिप द्वारा ए.सी. कमरों की बैठकों तक ही संगठन को सीमित रखने से आज पार्टी सिर्फ हजारों की गिनती में पहुंच गई है।
मेहता ने कहा कि राहुल गांधी खुद पिछला लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद पार्टी को मजबूत करने की बजाय अभी तक ऐसे गलत फैसले लेकर संगठन को हाशिए पर डाल रहे हैं। राजा वड़िंग प्रदेश अध्यक्ष हैं, उन्हें चुनाव लड़ने का पूरा हक है लेकिन उन्हें बठिंडा से उम्मीदवार बनाया जाता तो ज्यादा बेहतर होता लेकिन उन्हें लुधियाना से उम्मीदवार बनाकर साजिशन लुधियाना सीट को विपक्षी दलों की झोली में डाल दिया गया है। पार्टी के इस फैसले से लुधियाना के कार्यकर्त्ताओं में बेहद रोष व्याप्त है।