गरीब व्यक्ति अपना घर बनाने तथा व्यापार करने के लिए लोन बारे सोशल मीडिया पर एड देखता है और इसके बाद एप्लीकैंट को लोन दिलवाने के लिए सपने दिखाए जाते हैं। इसके बाद ठगी करने वाले गिरोह का काम शुरू होता है और वे लोन लेने के इच्छुक लोगों से फोन या खुद जाकर सम्पर्क करते हैं और लोन दिलवाने के नाम पर डाक्यूमैंट ले लेते हैं कि डाक्यूमैंट्स के आधार पर ही लोन की राशि बता सकते हैं। लोग जल्दबाजी में अपना आधार तथा पैन कार्ड उक्त व्यक्ति को दे देते हैं और वे कुछ घंटों के बाद उन्हें बताते हैं कि आपका सिब्बल खराब है या सिब्बल स्कोर कम है। अगर आप ने लोन लेना है तो आपको करीब 15 से 20 हजार की नकद राशि उन्हें देनी होगी, ताकि वे आपका सिब्बल ठीक कर दें जिसके बाद आप लोन अप्लाई कर सकते हैं। लोन लेने की चाहत रखने वाले आनन-फानन में उन्हें 15 से 20 हजार की नकदी दे देते हैं ताकि उनका सिब्बल स्कोर ठीक हो जाए और वे बैंक से लोन लेने में किसी प्रकार की मुश्किल का सामना न करना पड़े। लोग 15 से 20 हजार की नकदी देने के बाद बेफिक्र हो जाते हैं कि उनको लोन जल्द मिल जाएगा और वे अपना घर या नया बिजनेस शुरू करेंगे। उनकी उम्मीदों पर तब पानी फिरता है जब 15 से 20 हजार रुपए सिब्बल को ठीक करने तथा लोन दिलवाने के नाम पर जिस व्यक्ति ने पैसे लिए होते हैं वो फोन नहीं उठाता तथा अगर फोन उठाता है तो वह कहता है कि आप का सिब्बल स्कोर ठीक नहीं हो पाया जिस कारण आपका लोन रिजैक्ट हो गया है।देखने में यह बात आई है कि पुलिस विभाग के पास ऐसी कई शिकायतें आती हैं। पुलिस ने शिकायतें मिलने के बाद जब गरीब व्यक्तियों का पैसा डकारने वालों को बुलाती है तो ठग उन्हें कुछ पैसे दे देते हैं तथा बाकी रुपए बाद में देने का लारा लगाकर मामला रफा-दफा कर देते हैं।