लोकसभा चुनावों के पहले से शुरू हुई मौजूदा व पूर्व मंत्रियों, विधायकों व सांसदों के पार्टियां बदलने की मुहिम के तहत भले ही कई नेता दूसरी पार्टियों के उम्मीदवार बनकर लोकसभा चुनाव लड रहें हैं, लेकिन यह सिलसिला अब तक जारी है। इसमें अगर लुधियाना की बात करें तो मौजूदा एमपी रवनीत बिट्टू द्वारा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद दो पूर्व विधायकों बैंस ब्रदर्स ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। इस लिस्ट में कई पूर्व पार्षदों का नाम भी शामिल है, जिनमें ज्यादातर कांग्रेस के पूर्व पार्षद नगर निगम चुनाव के इंतजार में भाजपा व आम आदमी पार्टी में चले गए हैं। इनमें ताजा मामला नरेंद्र चौधरी व अनिल मल्होत्रा का है, जो आप में शामिल हुए हैं। इस नुकसान की भरपाई बैंस ब्रदर्स के साथ कांग्रेस में आए कई पूर्व पार्षदों के रूप में हुई है और आप में जाने वाले पूर्व पार्षद अनिल पारती ने भी पंजाब प्रधान राजा वडिंग की अगुवाई में घर वापसी कर ली है। यह माहौल शुक्रवार को भी देखने को मिल सकता है, जिसके संकेत पूर्व पार्षद परविंद्र लापरां द्वारा वीरवार को कांग्रेस से इस्तीफा देने से मिल रहें हैं। इस संबंध में राहुल गांधी को भेजे पत्र में जहां लापरां ने राजा वडिंग पर भडास निकाली है, साथ ही बैंस ब्रदर्स को कांग्रेस में शामिल करने पर एतराज जताया है।