आज सुबह जालंधर विजिलेंस के डीएसपी जतिंदर जीत सिंह अपनी टीम के साथ पत्रकार बरजिंदर सिंह हमदर्द के ऑफिस पहुंचे। जहां उन्होंने ऑफिस के बाहर नोटिस चिपका दिया। जिसमें हमदर्द को 7 दिनों के अंदर विजिलेंस के सामने पेश होने के आदेश दिए गए हैं।
जालंधर के कस्बा करतारपुर में स्थित जंग-ए-आजादी मेमोरियल स्मारक मामले में नामजद किए गए पंजाब के वरिष्ठ पत्रकार और समाचार समूह के मालिक बरजिंदर सिंह हमदर्द
चिपकाए गए नोटिस में लिखा गया है कि जंग-ए-आजादी स्मारक, करतारपुर के निर्माण में अनियमितताओं के संबंध में तकनीकी टीमों की रिपोर्ट के आधार पर एक एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें कहा गया है कि उसके (हमदर्द) और अन्य के खिलाफ पैसों कर हेराफेरी किए जाने के सबूत पाए गए हैं।
नोटिस में विजिलेंस ने लिखा कि, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार के अंदर विजिलेंस ऑफिस जालंधर में पेश होना होगा। जहां हमदर्द से विजिलेंस द्वारा पूछताछ की जा सके। साथ की हमदर्द से पूछताछ के बाद कार्रवाई आगे बढ़ाई जा सके।
केस में पंजाब के वरिष्ठ पत्रकार बरजिंदर सिंह हमदर्द, IAS अधिकारी विजय बुबलानी सहित करीब 26 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों सहित करीब 16 गिरफ्तारियां की गई। चुनाव आयोग ने सारे मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। केस में जालंधर विजिलेंस ब्यूरो ने IPC की धारा 420, 406, 409, 465, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) ए के साथ 13 (2) जोड़ी है।
अभी तक हुई गिरफ्तारी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दीपक बिल्डिर्स के मालिक दीपक कुमार सिंघल निवासी राजगुरु नगर, लुधियाना, चंडीगढ़ के रहने वाले अरविंदर सिंह रिटायर्ड चीफ इंजीनियर, तेज राम रिटायर्ड एक्सईएन निवासी जालंधर, राजीव कुमार अरोड़ा SDO रिटायर्ड निवासी पंचकूला, रोहित कुमार पीडब्ल्यूडी जेई, जालंधर के रहने वाले राघविंदर सिंह एक्सईएन, संतोष राज एक्सईएन निवासी अमृतसर, हरपाल सिंह SDO निवासी प्रीत नगर, एसडीओ जतिंदर अर्जुन निवासी जालंधर कैंट, जेई हरप्रीत सिंह निवासी कपूरथला, मनदीप सिंह, निवासी अर्बन एस्टेट फेस-2, एनपी सिंह एक्सईएन निवासी कपूरथला, जेई गौरवदीप निवासी मास्टर तारा सिंह नगर, जेई रोहित कंदोला निवासी कपूरथला को अरेस्ट किया गया है।
केस में विजिलेंस द्वारा आईएएस अधिकारी और पूर्व चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर विनय बुबलानी को भी नामजद किया गया है। जिनकी गिरफ्तारी फिलहाल बाकी है।
315 करोड़ के बजट वाले इस प्रोजेक्ट की जांच कर रही विजिलेंस ब्यूरो ने 2014-2016 में इसके निर्माण के दौरान कितने पैसे पास किए गए थे, पैसे का इस्तेमाल कैसे और कहां किया गया, इससे संबंधित तथ्यों की जांच विजिलेंस ब्यूरो कर रही है। इसके अलावा, जिन अधिकारियों की देखरेख में पैसे आवंटित और इस्तेमाल किया गया, उनसे भी विस्तार से पूछताछ की गई थी।
पिछले साल मार्च महीने में हुई थी जांच शुरू
विजिलेंस ब्यूरो जालंधर रेंज ने पिछले साल मार्च महीने में इस प्रोजेक्ट को लेकर जांच शुरू की थी। शिकायत है कि इस प्रोजेक्ट को बनाते समय फंड का मिस-यूज हुआ। जिसके लिए कुछ समय पहले प्रबंध समिति के सचिव लखविंदर सिंह जौहल को भी तलब किया गया था।