पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर एक जून को मतदान है। मगर कांग्रेस को स्टार प्रचारकों की कमी खल रही है। प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अपनी-अपनी सीटों पर फंसे हैं। वहीं प्रताप सिंह बाजवा परिदृश्य से गायब हैं। पिछले चुनावों में स्टार प्रचारक रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने भी इस बार प्रचार से दूरी बना रखी है।
अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को जब लुधियाना से प्रत्याशी बनाया गया था तो उस वक्त बाजवा ने कहा था कि मैं लुधियाना में मकान लेकर डटूंगा और रवनीत बिट्टू को हराकर लौटूंगा।
दरअसल, बिट्टू के पार्टी छोड़कर भाजपा में जाने से कांग्रेस नाराज है। इसलिए बाजवा ने ऐसा बयान दिया था। अब सच्चाई यह है कि उक्त पत्रकार वार्ता के बाद बाजवा लुधियाना में आए ही नहीं।
पिछले चुनाव में पंजाब में सबसे लोकप्रिय प्रचारक रहे नवजोत सिंह सिद्धू भी इस बार गायब हैं, जिसकी कमी कांग्रेस को खल रही है। अब उसके पास कांग्रेस के बाहरी स्टार प्रचारकों के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
प्रताप सिंह बाजवा की उपस्थिति काफी कम है। उस वक्त बाजवा ने अपने एक दोस्त की कोठी ली थी और कहा था कि बिट्टू ने पार्टी के साथ धोखा किया है। जिस घमंड से वह बातें कर रहे हैं, मैं यहीं डेरा डालूंगा और उन्हें हराकर दिखाऊंगा। हालांकि, उसके बाद से बाजवा लुधियाना में प्रचार के दौरान नजर नहीं आए, जबकि उन्होंने मतदान तक यही रहने का दावा किया था।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कुछ हद तक मतदाताओं को लुभाने में कामयाब तो हो सकते हैं, लेकिन उनके अभी तक पंजाब में दौरे नाममात्र ही हुए हैं। हालांकि, कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश, राष्ट्रीय प्रवक्ता चरण सिंह सपरा, कांग्रेस अध्यक्ष के एडमिन गुरदीप सप्पल, पंजाब की प्रचार टीम के सदस्य गुरिंदर सिंह ढिल्लों जैसे नेता प्रचार करने के लिए राज्य में पहुंचे, लेकिन उनका लोगों में खास आधार न होने के कारण उसका लाभ नहीं मिल पा रहा।