हिमाचल प्रदेश: “टक्कर है…इस बार मतदाता उलझन में हैं.”
एक जून को लोकसभा चुनाव के आख़िरी चरण में मतदान करने जा रहे हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट पर हम जिनसे भी मिले, लगभग सबका यही कहना था.
फिर अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर अधिकतर लोगों ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए ये भी कहा कि उनके प्रत्याशी को चुनाव में बढ़त है.
साल 2014 और 2019 के आम चुनावों में हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर बीजेपी जीती थी.
इस बार यहाँ से चुनावी मैदान में निर्दलीय सहित 10 उम्मीदवार हैं, लेकिन सबकी नज़रें दो प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों पर ही टिकी हैं.
अभिनेत्री कंगना रनौत, जो बीजेपी के टिकट पर यहाँ से चुनाव लड़ रही हैं और कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह, जो राज्य में लोक निर्माण मंत्री भी हैं.
कांग्रेस की प्रतिभा सिंह 2021 में हुए उपचुनाव को जीतकर मंडी लोकसभा सीट को अपने खाते में ले आईं लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फ़ैसला किया.
राज्य में फ़िलहाल कांग्रेस की सरकार है, जिसने बीजेपी को 2022 में हराया. मंडी अपने आप में बहुत बड़ा निर्वाचन क्षेत्र है, जिसकी सीमा चीन, जम्मू और कश्मीर के साथ उत्तराखंड से लगती है.
दोनों की उम्र अभी 40 भी नहीं पहुंची है लेकिन अपनी पहचान के बलबूते दोनों नेता भीड़ जुटाने में कामयाब हो रहे हैं.
तकरीबन 20-30 बीजेपी समर्थक कड़ी धूप में इंतज़ार कर रहे हैं. दोपहर के 12 बज रहे हैं और हम मंडी से क़रीब 40 किलोमीटर दूर पड्डार गांव में हैं. बीच-बीच में ‘भारत माता की जय’, ‘मोदी जी को जय श्री राम’, ‘कंगना जी को जय श्री राम’ के नारे ज़ोर पकड़ते और धीमे पड़ते जा रहे हैं. आख़िर में काफ़िले के आगे चल रहे पुलिस के वाहन पर नज़र पड़ते ही ये नारे फिर बुलंद हो गए.
कंगना रनौत आ चुकी थीं.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ कंगना मंच पर पहुंचीं. मंच पर भाषण दे रहे वक्ता मुस्कुराते हुए कहते हैं, “मुझे अपना भाषण जल्दी ख़त्म करने के लिए कहा गया है.” जयराम ठाकुर ने उनके लिए संदेश भेजा था. वह बोलना जारी रखते हैं.
आख़िरकार कंगना उठती हैं.
अगले कुछ मिनटों में 37 वर्षीय अभिनेत्री ने अपनी बात रखी. उन्होंने पिछले एक दशक में केंद्र सरकार के काम से लेकर बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने तक की कहानी सुनाई और जनता के बीच अपने स्थानीय होने का मुद्दा भी रखा.
अपनी बात ख़त्म करते हुए वह कहती हैं, “आप मेरे पास कुछ भी और सारी समस्याएं लेकर आ सकते हैं. बस आप मतदान करने ज़रूर जाइए और जब आप जाएं तो अपने साथ 10-15 और लोगों को भी ले जाएं.”
कांग्रेस के अपने विरोधियों पर तीखे हमले करते हुए कंगना कठोर भाषा का इस्तेमाल कर रही थीं.