लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे (Lok Sabha Election Results 2024) कल यानी मंगलवार को आने वाले हैं और इससे पहले ही महंगाई का तगड़ा झटका लगा है. दरअसल, रविवार को अमूल दूध की कीमतों (Amul Milk Price) में इजाफा किया गया, तो अगले ही दिन सोमवार को मदर डेयरी ने भी अपना दूध महंगा कर दिया है । दोनों ही कंपनियों ने अपने दूध की कीमत में 2 रुपये प्रति लीटर (Rs 2 per Litre) की बढ़ोतरी की है ।
दो दिन में लगे महंगाई के 2 झटके
दो दिन में आम आदमी को दो बड़े झटके लगे हैं. पहले Amul Milk के दाम बढ़ाए गए और फिर Mother Dairy ने भी अपने दूध की कीमतों में इजाफा करने का ऐलान कर दिया ।
मदर डेयरी ने दिल्ली- एनसीआर (Delhi-NCR) के लिए दूध की कीमतों में वृद्धि की है. सभी पैकेज्ड मिल्क की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की इजाफा किया गया है।
दूध के दाम की नई दरें 3 जून 2024 से लागू कर दी गई हैं. ताजा बदलाव के बाद अब आपको ये दूध नीचे दिए गए रेट पर मिलेगा ।
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मदर डेयरी ने दूध के नए रेट
दूध पुरानी कीमत प्रति लीटर नई कीमत प्रति लीटर
Token Milk 52 रुपये 54 रुपये
Toned Milk 54 रुपये 56 रुपये.
Cow Milk 56 रुपये 58 रुपये
Full Cream Milk 66 रुपये 68 रुपये
Buffalo Milk 70 रुपये 72 रुपये
Double Toned Milk 48 रुपये 50 रुपये
मदर डेयरी ने सोमवार को दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इससे पहले अमूल ने भी दूध की कीमतों में इतनी ही बढ़ोतरी की थी। पिछले 15 महीनों में इनपुट लागत में बढ़ोतरी के बाद डेयरी कंपनी ने कीमतों में बढ़ोतरी की है। नई कीमतें सोमवार से पूरे देश में लागू होंगी। मदर डेयरी ने कहा कि वह 3 जून, 2024 से सभी ऑपरेटिंग मार्केट में अपने लिक्विड दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर रही है।
कंपनी ने कीमतों में वृद्धि का कारण उत्पादकों को उच्च उत्पादन लागत की भरपाई करने की आवश्यकता को बताया, जो एक साल से अधिक समय से बढ़ रही है।
दिल्ली-एनसीआर में रोजाना 35 लाख लीटर ताजा दूध बेचने वाली मदर डेयरी ने आखिरी बार फरवरी 2023 में अपने लिक्विड दूध की कीमतों में संशोधन किया था। कंपनी ने कहा कि हाल के महीनों में उच्च खरीद लागत के बावजूद, उपभोक्ता कीमतों को बनाए रखा गया है।
इसके अतिरिक्त, देश भर में अभूतपूर्व गर्मी के तनाव से दूध उत्पादन पर और असर पड़ने की उम्मीद है। कंपनी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वह दूध से होने वाली बिक्री से होने वाले राजस्व का लगभग 75-80% खरीद के लिए आवंटित करती है, जिससे डेयरी फार्मिंग की स्थिरता और गुणवत्तापूर्ण दूध की उपलब्धता सुनिश्चित होती है।