ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 15 जून को मिथुन संक्रांति है। इस दिन सूर्य देव वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे। सनातन धर्म में संक्रांति तिथि पर स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। इस दिन सूर्य उपासना करने से न केवल करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है, बल्कि आरोग्य जीवन का वरदान भी प्राप्त होता है। साथ ही त्वचा संबंधी परेशानियों से भी निजात मिलती है। अतः साधक संक्रांति तिथि पर गंगा स्नान करते हैं। सुविधा न होने पर गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करते हैं। इसके बाद सूर्य उपासना करते हैं। अगर आप भी सूर्य देव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो मिथुन संक्रांति पर स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप के बाद राशि अनुसार दान अवश्य करें।
राशि अनुसार दान
- मेष राशि के जातक मिथुन संक्रांति पर मसूर की दाल का दान करें।
- वृषभ राशि के जातक मिथुन संक्रांति पर चावल और चीनी का दान करें ।
- मिथुन राशि के जातक मिथुन संक्रांति पर साबुत मूंग और हरी सब्जियों का दान करें।
- कर्क राशि के जातक सूर्य देव की कृपा पाने के लिए नमक का दान करें।
- सिंह राशि के जातक मिथुन संक्रांति पर विष्णु चालीसा का दान करें।
- कन्या राशि के जातक मिथुन संक्रांति पर राहगीरों को गन्ने का रस पिलाएं।
- तुला राशि के जातक मिथुन संक्रांति पर दूध और दही का दान करें।
- वृश्चिक राशि के जातक मिथुन संक्रांति पर गुड़ और मसूर दाल का दान करें।
- धनु राशि के जातक मिथुन संक्रांति पर केसर मिश्रित दूध राहगीरों को पिलाएं।
- मकर राशि के जातक मिथुन संक्रांति पर काले तिल और उड़द की दाल का दान करें।
- कुंभ राशि के जातक मिथुन संक्रांति पर चमड़े के चप्पल, जूते और छाते का दान करें।
- मीन राशि के जातक मिथुन संक्रांति पर राहगीरों के मध्य पके केले और बेसन के लड्डू वितरित करें।