इस साल 7 मार्च को कैबिनेट ने महंगाई भत्ता (DA) को 4 फीसदी बढ़ाकर बेसिक सैलरी को 50 फीसदी करने की मंजूरी दे दी थी। इसका फायदा सबसे ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को हुआ।
यह नई दरें 1 जनवरी से लागू हो गई। इसका मतलब है कि 2024 की शुरुआत से ही केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा हो गया है।
महंगाई भत्ते के साथ सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में भी इजाफा किया है। चूंकि अब डीए बेसिक सैलरी का 50 फीसदी हो गया है तो कर्मचारी 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की डिमांड कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जनवरी 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू हो सकता है। हालांकि, अभी तक इसकी जानकारी सरकार द्वारा या ऑफिशियल अधिकारी द्वारा नहीं दी गई है।
अभी अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 3 फीसदी बढ़ सकती है। इसका मतलब है कि अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये थी तो वह करीब 8,000 बढ़कर 26000 रुपये तक हो जाएगी।
7वां वेतन आयोग कब आया था
साल 2014 में 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का गठन हुआ था। 7वें वेतन आयोग के गठन के बाद से सरकार ने अभी तक कर्मचारियों के वेतन में 23 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है। वैसे तो हर 10 साल में एक केंद्रीय वेतन आयोग का गठन होता है। लेकिन, वेतन आयोग के गठन को लेकर अभी कोई कानून अनिवार्य नहीं है।
सरकार कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं और फायदों की जांच के बाद ही वेतन आयोग का गठन करती है। आपको बता दें कि पहला वेतन आयोग का गठन वर्ष 1946 में हुआ था।
कैसे कैलकुलेट होता है डीए
महंगाई भत्ता का लाभ कर्मचारियों के साथ पेंशनर्स को भी मिलता है। पेंशनर्स को डीआर मिलता है। एक साल में दो बार डीए और डीआर को बढ़ाया जाता है।
डीआर और डीए की गणना अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू (CPI-IW) के 12 महीने के औसत में प्रतिशत के आधार पर किया जाता है। सरकार ने 2006 में डीए और डीआर कैलकुलेशन करने के फॉर्मूले को रिवाइज किया था।