तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद ये PM मोदी की पहली विदेश यात्रा है. G7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं. इटली के पास G7 की मौजूदा प्रेसिडेंसी है, इसलिए समिट की मेजबानी कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को तीसरे कार्यकाल की अपनी पहली विदेश यात्रा पर इटली रवाना हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी यहां जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इसके साथ ही वह इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ भी पीएम मोदी मुलाकात कर सकते हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इटली के अपुलिया के लिए रवाना हो चुके हैं। जहां पीएम बोर्गो इग्नाजिया में हो रहे जी7 शिखर सम्मेलन में ‘ऑउटरीच कंट्री’ प्रतिनिधि के तौर पर शिरकत करेंगे। इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी ने भारतीय पीएम को समिट में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है।
इटली में आयोजित इस समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जी7 और आउटरीच देशों के नेताओं के द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं। जिन नेताओं के साथ पीएम मोदी की बैठक संभावित है उनमें इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी के साथ-साथ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का नाम भी शामिल है।
पीएम मोदी ने किया पोस्ट
जी7 समिट में शामिल होने के लिए इटली रवाना होने से ठीक पहले पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए अपने दौरे से जुड़ी जानकारी दी। एक्स पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा कि “मैं इटली में जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा। विश्व के साथी नेताओं से मिलने और हमारे ग्रह को बेहतर बनाने और लोगों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं।”
G7 Summit
जी7 सात देशों का एक समूह है। जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, के साथ जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। इटली इसकी वर्तमान में अध्यक्षता कर रहा है। जी7 समूह में शामिल देश वर्तमान में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का लगभग 45% और दुनिया की करीब 10% से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसे पहले जी8 के नाम से जाता था। इसमें रूस भी शामिल था। लेकिन रूस के द्वारा क्रीमिया पर किए गए कब्जे के बाद उसकी सदस्यता ख़त्म कर दी गई थी।
दुनिया में चल रहे दो युद्ध
मेजबान होने के नाते मेलोनी ने सभी नेताओं का स्वागत पूरे उत्साह से किया। अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन तो इस स्वागत से ऐसे खुश हुए कि उन्होंने मेलोनी को सैल्यूट करते हुए अभिवादन किया।
लेकिन भारत में चर्चा मेलोनी के नमस्ते करने की हो रही है. हालांकि इटली में 7 का आयोजन ऐसे वक्त में हो रहा है जब दुनिया में दो-दो युद्ध चल रहे हैं. यही नहीं अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ चीन की प्रतिस्पर्धा भी तीखी हुई है ।
भारत की भूमिका बेहद अहम
अगर बात 81 साल के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की की जाए तो उनके नेतृत्व में ड्रेमोक्रेटिक पार्टी को हार दिख रही है. मंगलवार को ही बाइडन का बेटा हंटर एक केस में दोषी पाया गया है ।
हालांकि इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता बैठक से ऐन पहले उनकी पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली को यूरोपियन यूनियन के चुनावों में बंपर जीत मिली है. इस तरह मुश्किल में फंसी दुनिया के इस अहम संगठन के सदस्य देशों के प्रमुख सबसे कमजोर हालत में हैं. ऐसे में क्या वो बड़े फैसले ले पाएंगे ये बड़ा सवाल है इसीलिए भारत की भूमिका अहम है।
हिंदुस्तान भले ही G-7 का सदस्य न हो. लेकिन पूरे एशिया में सिर्फ उसे ही बुलावा भेजा गया है जो अपने आप में काफी कुछ कहता है.भारत में हुए G-20 में प्रधानमंत्री मोदी के साथ इटली की पीएम के वीडियो और तस्वीरें खूब वायरल हुईं ।
दिसंबर 2023 में COP28 समिट में भी प्रधानमंत्री मोदी और इटली की पीएम जॉर्जिया मेलेनी की मुलाकात की सबसे ज्यादा चर्चा हुई. दोनों नेताओं की सेल्फी इंटरनेट पर बहुत ज्यादा देखी गई जिस पर लोगों ने खूब कमेंट किए ।
G7 Summit में इन मुद्दों पर होगी चर्चा
इटली के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर, मैं 14 जून को G7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के अपुलीया क्षेत्र की यात्रा कर रहा हूं. G7 समिट के आउटरीच सेशन में ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा’. उन्होंने कहा, ‘ये भारत की अध्यक्षता में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन और अगले G7 शिखर सम्मेलन के नतीजों के बीच अधिक तालमेल लाने और उन मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का मौका होगा, जो ग्लोबल साउथ के लिए जरूरी हैं ।