समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के विरुद्ध डूंगरपुर प्रकरण का एक अन्य मामला भी फैसले के करीब पहुंच चुका है इसमें दोनों पक्ष की गवाही पूरी हो गई है। पत्रावली अंतिम बहस में लग गई है। 20 जून से अंतिम बहस शुरू होगी। बहस पूरी होने के बाद फैसला आएगा।
डूंगरपुर के अब तक पांच मामलों में फैसला
डूंगरपुर प्रकरण के अब तक पांच मामलों में न्यायालय द्वारा फैसला हो चुका है। इनमें तीन मामलें में आजम खां समेत सभी आरोपितों को राहत मिली थी। न्यायालय ने सभी को बरी कर दिया था, जबकि दो मामलों में उन्हें सजा सुनाई गई थी। एक मामले में आजम खां को सात साल कारावास की सजा हुई थी, जबकि दूसरे मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी। यह आजम खां को अब तक हुई सबसे बड़ी सजा है।
क्या है डूंगरपुर प्रकरण
डूंगरपुर प्रकरण सपा सरकार के समय का है। वर्ष 2016 में प्रदेश में सपा की सरकार थी और आजम खां कैबिनेट मंत्री थे। उन्होंने पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में गरीबों के लिए आसरा आवास बनवाए थे। यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे, जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर तोड़ दिया गया था। इन लोगों द्वारा ही भाजपा की सरकार आने पर वर्ष 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराए थे।
लोगों ने दर्ज कराए थे मुकदमे
12 लोगों की ओर से दर्ज अलग-अलग मुकदमों में आरोप है कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था। उनका सामान लूट लिया और मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया था।
इन मुकदमों में पहले आजम खां नामजद नहीं थे, लेकिन अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी और उनके बयानों के आधार पर पुलिस ने आजम खां को भी आरोपित बनाया था। इन मामलों की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है।