पंजाब में पहली बार पावरकॉम को दिन में बिजली सस्ती मिल रही है, जबकि रात को बाहरी स्रोतों से मिलने वाली बिजली महंगी है।
बीते कल मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान जब राज्य में रिकॉर्ड 16 हजार मेगावाट की मांग को पार करने को लेकर रिव्यू कर रहे थे तब ये तथ्य पावरकॉम के सीएमडी बलदेव सिंह सरां ने अधिकारियों की बैठक में उनके सामने रखे।
दिन में बिजली महंगी मिलेगी
ये तथ्य सामने आते ही एक वरिष्ठ अधिकारी की टिप्पणी थी कि वे पिछले 32 साल से पंजाब में नौकरी कर रहे हैं और हर बार पावरकॉम यह कहता था कि रात को बिजली लेने पर छूट दी जाएगी, दिन में बिजली महंगी मिलेगी लेकिन अब हालात बदल गए हैं।
आम तौर पर रात को बिजली की उपलब्धता ज्यादा होने के कारण पावरकॉम बिजली की दरों में कमी रात को करता है लेकिन इस बार उलटा हो रहा है।
इसका कारण यह है कि पावरकॉम अपने बिजली उत्पादन स्रोतों को छोड़कर जिन बाहरी स्रोतों से बिजली ले रहा है, उनमें सोलर प्लांटों से मिलने वाली बिजली दिन में सस्ती मिल रही है।
चूंकि रात को यह बिजली उपलब्ध नहीं है, इसलिए अन्य स्रोतों से आने वाली बिजली महंगी हो जाती है।
पंजाब एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी के आंकड़ों की मानें तो इस समय राज्य में सौर ऊर्जा के अपने स्रोत 1310 मेगावाट के हैं, जबकि 767 मेगावाट के राज्य के बाहर स्रोतों से कांट्रेक्ट किया हुआ है।
शुरुआत में ऊर्जा प्लांट का खर्च 17.91 रुपए प्रति यूनिट
दरअसल, शुरूआती दौर में जब सौर ऊर्जा के प्लांट लगाए गए थे। तब इनका खर्च प्रति यूनिट 17.91 रुपए प्रति यूनिट आ रहा था जो कि अब घटकर 2.63 रुपए प्रति यूनिट पर आ गया है।
एक सीनियर विभागीय अधिकारी ने बताया कि पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में भी सौर ऊर्जा के बड़े प्लांट लग रहे हैं, जहां पर इन दिनों भारी गर्मी के कारण अच्छी बिजली पैदा हो रही है और दिन के समय यह ऊर्जा सस्ती दर पर उपलब्ध है।
एक दिलचस्प तथ्य और भी सामने आ रहे हैं कि पंजाब में बड़े स्तर पर रूफ टाप सोलर प्लांट लगने शुरू हो गए हैं खासतौर पर कमर्शियल सेक्टर में जहां बिजली की दर सबसे ज्यादा है और खपत भी दिन में ही होती है।
उपभोक्ताओं के आ रहे जीरो बिल
इन सभी ने भी पावरकॉम से बिजली देनी शुरू कर दी है यानी पावरकॉम के बड़े उपभोक्ताओं के बिल अब जीरो आ रहे हैं। इसलिए भी दिन में यह बिजली सस्ती हो रही है।
बिजली सस्ती और अधिक उपलब्धता के कारण किसानों को भी धान की रोपाई के लिए रात के बजाय दिन में बिजली दी जा रही है। किसान दिन में बिजली लेकर खुश हैं क्योंकि दिन में वे अपने मनचाहे काम कर सकते हैं । रात में सांपों सहित अन्य जानवरों का डर बना रहता है।
बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है
पंजाब में 11 जून के बाद से ही बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है । इसके दो कारण हैं एक तो पिछले लंबे समय से लू कम होने का नाम नहीं ले रही है और दूसरी धान की रोपाई शुरू हो गई है।
पंजाब में मानसून इस महीने के अंत तक या जुलाई के पहले सप्ताह में ही आने की संभावना है।
उधर, राज्य में आज बिजली की मांग आज भी 15 हजार मेगावाट के पार रही। हालांकि, उपलब्धता ठीक होने के कारण बिजली के कट नहीं लग रहे हैं।
लेकिन पिछले कल से तलवंडी साबो थर्मल प्लांट का 600 मेगावाट का एक यूनिट बंद होने से उपलब्धता में असर पड़ा है, जिसे दूसरे स्रोतों से खरीदकर पूरा किया जा रहा है।