साल 2015 के गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी मामले में मुख्य आरोपितों में से एक प्रदीप कलेर, जिन्होंने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत उनकी “सामाजिक रूप से दत्तक” बेटी हनीप्रीत के खिलाफ गवाही दी थी, को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी है, क्योंकि पंजाब सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि मामले में उन्हें सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना है।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बेशक, एफआईआर वर्ष 2015 से संबंधित है। एक सह-आरोपी जतिंदर वीर अरोड़ा को गिरफ्तार किया गया था, और उसने वर्तमान याचिकाकर्ता का नाम बताया था। उन्हें और सात अन्य सह-आरोपितों को जमानत दी गई है। केवल याचिकाकर्ता ही हिरासत में है।
164 धारा के तहत बयान दर्ज
उसके खिलाफ दर्ज अन्य मामलों में, वह या तो जमानत पर है या उसने वर्तमान मामले की तरह धारा 164 सीआरपीसी के तहत अपना बयान दर्ज कराया है और उसे सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना है। इस स्थिति में याचिकाकर्ता को और अधिक हिरासत की आवश्यकता नहीं है।
हाई कोर्ट के जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने कलेर द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए ये आदेश पारित किए हैं। उसने पुलिस स्टेशन दयालपुरा, जिला बठिंडा में धारा 295-ए, 120-बी आईपीसी के तहत दर्ज एफआईआर नंबर 161 दिनांक 20 अक्टूबर, 2015 में नियमित जमानत मांगी थी।
शिकायतकर्ता इकबाल सिंह ने पुलिस को सूचित किया था कि कुछ अज्ञात व्यक्ति/व्यक्तियों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की है और इस तरह हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
झूठे मामले में फंसाया था
जमानत के लिए अपनी याचिका में कलेर ने तर्क दिया कि उनके सह-आरोपी के बयान पर ही उन्हें वर्तमान मामले में झूठा फंसाया गया है। वास्तव में, 11 आरोपितों में से 9 को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से 8 को जमानत मिल गई थी जबकि दो आरोपी घोषित अपराधी बने हुए थे।
केवल याचिकाकर्ता ही अब हिरासत में था। याचिकाकर्ता सात अन्य मामलों में आरोपित था। वर्तमान मामले सहित उनमें से कुछ मामलों में उसने अभियोजन पक्ष के समर्थन में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दिए थे और उसे सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना थी। अन्य मामलों में उसे जमानत मिल गई थी।
अक्तूबर 2015 में हुई थी बेअदबी
12 अक्तूबर 2015 को बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी हुई थी। इस मामले में डेरा सच्चा सौदा मुखी समेत डेरा की राष्ट्रीय समिति के तीन सदस्यों हर्ष धूरी, प्रदीप कलेर और संदीप बरेटा नामजद हैं उक्त तीनों सदस्य तब से ही भगौड़े चल रहे थे परन्तु 9 फरवरी को एसआईटी व पंजाब पुलिस ने प्रदीप कलेर को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया था। एसआईटी लगातार प्रदीप कलेर का रिमांड लेकर इस मामले में पूछताछ करती रही है।
इसी पूछताछ के दौरान प्रदीप कलेर ने दर्ज करवाए गए बयान में कहा है कि बेअदबी घटना को डेरा मुखी तथा हनीप्रीत के कहने पर अंजाम दिया गया था। ऐसे में डेरा मुखी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं।
38 प्रमुख गवाहों में से किसी से पूछताछ नहीं
वह 9 फरवरी से हिरासत में है लेकिन 38 प्रमुख गवाहों में से किसी से भी अब तक पूछताछ नहीं की गई है, इसलिए वर्तमान मामले की सुनवाई जल्द ही समाप्त होने की संभावना नहीं है, उसके वकील ने हाई कोर्ट को बताया था।
याचिका का जवाब देते हुए पंजाब सरकार ने अदालत को सूचित किया कि याचिकाकर्ता कुछ मामलों में जमानत पर है और अन्य मामलों में धारा 164 सीआरपीसी के तहत उसका बयान दर्ज किया गया है, जिसमें उसे सरकारी गवाह बनाए जाने की संभावना है।
इस प्रकार, प्रभावी रूप से राज्य ने याचिकाकर्ता को जमानत देने की प्रार्थना का विरोध नहीं किया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कलेर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।