राउज वेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को अरविंद केजरीवाल का जमानत दे दी थी, लेकिन ईडी ने शुक्रवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। फिर हाईखोर्ट ने निचली अदालत के जमानत देने के फैसले पर रोक लगा दी थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल की जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका पर मंगलवार (25 जून) को हाई कोर्ट का फैसला आएगा. जस्टिस सुधीर कुमार जैन की अदालत दोपहर के करीब ढाई बजे फैसला सुना सकती है ।
दरअसल, ईडी ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ शुक्रवार (21 जून) को हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इससे एक दिन पहले 20 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत दी थी. हाई कोर्ट ने सुनवाई तक जमानत पर रोक लगा दी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया ।
हाई कोर्ट की रोक के खिलाफ 23 जून को सीएम केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. जहां आज (24 जून) सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहता है. अगली सुनवाई की तारीख शीर्ष अदालत ने 26 जून की तय की है ।
20 जून को मिली थी जमानत
गुरुवार को ट्रायल कोर्ट में वैकेशन जज न्याय बिंदु ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सीएम केजरीवाल को नियमित जमानत दे दी थी और यह भी कहा था कि वह एक लाख के मुचलके पर जमानत पर रिहा हो सकते हैं।
वहीं ईडी ने कोर्ट के इस फैसले का लगातार विरोध किया। ईडी शुक्रवार सुबह ही दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ईडी की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया। हाईकोर्ट ने कहा, “मैं दो-तीन दिन के लिए ऑर्डर रिजर्व रख रहा हूं। आदेश सुनाए जाने तक ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगी रहेगी। अब फैसला मंगलवार को आएगा।
फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी आप
आम आदमी पार्टी दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ रविवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जहां कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई 26 जून यानी दिन बुधवार के लिए स्थगित कर दी है। कोर्ट ने कहा कि एक बार हाईकोर्ट का फैसला आ जाए, उसके बाद सुनवाई करेंगे।
क्या है आबकारी घोटाला का मामला
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई आबकारी नीति लागू करके सरकार के राजस्व में वृद्धि होने का दावा किया था। जुलाई, 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने आबकारी नीति में अनियमितता होने के संबंध में एक रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी थी।
एलजी ने की थी जांच की सिफारिश
मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर 22 जुलाई, 2022 को सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
इस पर सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी और सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
जांच की सिफारिश करने के बाद 30 जुलाई, 2022 को दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस लेते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी थी।
144.36 करोड़ का नुकसान
सीबीआई और ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया था।
इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
केजरीवाल पर क्या हैं आरोप
ईडी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल आबकारी घोटाले के सरगना और मुख्य साजिशकर्ता हैं।
वो कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने की साजिश में शामिल थे और इस लाभ के बदले शराब व्यवसायियों से रिश्वत की मांग की गई। आम आदमी पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनाव में अपराध की आय का इस्तेमाल किया, जिसमें केजरीवाल मुख्य निर्णयकर्ता हैं।