पारंपरिक रंग-बिरंगे परिधानों में संसद आए नवनिर्वाचित माननीयों के उत्साह के बीच 18वीं लोकसभा के पहले दिन सदन में भारत की भाषाई विविधता और संस्कृति के अनमोल रंग भी नजर आए। पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों समेत नवगठित लोकसभा के 262 सदस्यों ने शपथ ली।
इस दौरान हिंदी व अंग्रेजी के अलावा संस्कृत, बांग्ला, ओडि़या, मराठी, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, और गुजराती से लेकर डोगरी जैसी भाषाओं में कई सांसदों ने शपथ लेकर अपने क्षेत्र के सांस्कृतिक-भाषायी गौरव का इजहार किया। वहीं हल्के-फुल्के तंज-ताने, हास-परिहास के बीच सदन में विपक्ष ने संविधान की सर्वोच्चता कायम रखने की अपनी राजनीतिक लड़ाई को विराम नहीं देने का संदेश देते हुए सत्ता पक्ष को संविधान की प्रतियां दिखाने का मौका नहीं छोड़ा।
कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ सांसद को प्रोटेम स्पीकर नहीं बनाए जाने के विरोध में पीठासीन पैनल के तीनों विपक्षी सांसदों ने शपथ दिलाने का हिस्सा बनने से इन्कार कर सरकार और विपक्ष के बीच तल्खी की शुरुआत का साफ संदेश दे दिया।नई लोकसभा के गठन के बाद नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ, लोकसभा स्पीकर के चुनाव और नई संसद में राष्ट्रपति के पहले संबोधन के लिए बुलाए गए इस सत्र की शुरुआत में प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने 18वीं लोकसभा के लिए चुने गए सभी सांसदों की चुनाव आयोग द्वारा दी गई सूची को सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने वायनाड लोकसभा सीट से राहुल गांधी के इस्तीफे को स्वीकार किए जाने की घोषणा की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी को शपथ के लिए आमंत्रित किया तो सत्तापक्ष ने मेजें थपथपाते हुए जय श्रीराम और मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए। गर्मजोशी के इस माहौल के बीच जब वह शपथ लेने पहुंचे तो विपक्ष की पहली बेंच पर बैठे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संविधान की प्रति लहराते हुए पीएम मोदी को दिखाई। विपक्षी बेंच के सदस्यों ने भी जवाबी जोश दिखाते हुए राहुल का समर्थन किया।
महताब ने इसके बाद स्पीकर पैनल के लिए राष्ट्रपति की ओर से नामित पांचों सदस्यों के नाम की घोषणा करते हुए उन्हें शपथ के लिए आमंत्रित किया। मगर कांग्रेस के के. सुरेश, द्रमुक के टीआर बालू और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय ने सदन में होते हुए भी शपथ लेने से इन्कार कर दिया। आठ बार के सांसद सुरेश को प्रोटेम स्पीकर नहीं बनाए जाने के विरोध में आइएनडीआइए के इन सांसदों ने पैनल के सदस्य के तौर पर शपथ नहीं ली। हालांकि, पैनल में नामित भाजपा के राधामोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते ने शपथ ली।
इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों की शपथ का सिलसिला शुरू हुआ, जिसमें सबसे पहले राजनाथ सिंह ने शपथ ली। अमित शाह, नितिन गडकरी, शिवराज चौहान, मनोहरलाल, एचडी कुमारस्वामी, पीयूष गोयल जैसे वरिष्ठ मंत्रियों ने इसके बाद क्रमबद्ध रूप से शपथ ली। हम के जीतनराम मांझी और जदयू कोटे के मंत्री ललन ¨सह भी पहले 10 शपथ लेने वाले मंत्रियों में शामिल रहे। केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने असमिया भाषा में, जुएल ओरांव, धर्मेंद्र प्रधान ने ओडि़या, प्रल्हाद जोशी ने कन्नड़, जी किशन रेड्डी ने तेलुगू और सीआर पाटिल ने गुजराती में शपथ ली।
इसके बाद राज्यमंत्रियों की बारी आई तो जितेंद्र ¨सह ने डोगरी, प्रताप राव जाधव ने मराठी, श्रीपद नाइक ने संस्कृत, सुरेश गोपी ने मलयालम में शपथ लेकर भारत की भाषाई विविधता की मजबूत विरासत की सदन में झलक दिखाई। पहले दिन वर्णमाला के हिसाब से मध्य प्रदेश तक के सांसदों का शपथ पूरा हो गया है।