शंभू बॉर्डर पर गत 13 फरवरी से किसान संगठनों के चल रहे धरने के कारण आसपास के लगभग 30 गांवों के लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। हरियाणा बॉर्डर से लगते इन गांवों का अधिकतर काम व व्यापार हरियाणा से जुड़ा हुआ है, जो पूरी तरह बर्बाद हो चुका है।
मानसून सिर पर है, ऐसे में ग्रामीणों की चिंता बढ़ती जा रही है। किसानों के धरने को देखते हुए आसपास के ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए घग्गर नदी पर अस्थायी पुल बनाए हैं। बरसात में नदी में उफान आने पर अस्थायी पुलों के बह जाने का खतरा है। ऐसा हुआ तो आसपास के गांवों का संपर्क हरियाणा से पूरी तरह कट जाएगा।
आसपास के गांवों के लोग रविवार को धरने पर बैठे किसानों से रास्ता मांगने पहुंचे थे, लेकिन बात बनने की बजाय स्थिति तनावपूर्ण हो गया था।
इस कारण 30 गांवों के लोगों ने 10 सदस्यीय कमेटी को बनाया है। जो बुधवार को बैठक कर निर्णय लेंगे कि किसानों के खिलाफ हाई कोर्ट जाएं या जाम लगाएं। वहीं किसानों ने मंगलवार यानी आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की घोषणा भी की है।
किसान आंदोलन से आम जनजीवन पर असर
शंभू बॉर्डर पर किसान संगठनों के चल रहे धरने के कारण आसपास के लगभग 30 गांवों के लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। हरियाणा बॉर्डर से लगते इन गांवों का अधिकतर काम व व्यापार हरियाणा से जुड़ा हुआ है, जो पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। मानसून सिर पर है, ऐसे में ग्रामीणों की चिंता बढ़ती जा रही है।
किसानों के धरने को देखते हुए आसपास के ग्रामीणों ने आवाजाही के लिए घग्गर नदी पर अस्थायी पुल बनाए हैं। बरसात में नदी में उफान आने पर अस्थायी पुलों के बह जाने का खतरा है। ऐसा हुआ तो आसपास के गांवों का संपर्क हरियाणा से पूरी तरह कट जाएगा।
ग्रामीणों ने रास्ता खोले जाने के लिए किसानों को मांगपत्र सौंपा
आसपास के गांवों के लोग रविवार को धरने पर बैठे किसानों से रास्ता मांगने पहुंचे थे, लेकिन बात बनने की बजाय स्थिति तनावपूर्ण हो गया था। ग्रामीणों ने बुधवार को बैठक रखी है, जिसमें तय किया जाएगा कि नेशनल हाईवे पर रास्ता खुलवाने के लिए हाई कोर्ट जाना है या फिर बनूड़ रोड पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन करना है।
शंभू के निकट स्थित गांव शंभू, महमदपुर, राजगढ़, तेपला, बासमा, संजरपुर, बपरौर, नन्हेड़ा, गदापुरा, नंदगढ़, रामनगर सैनिया के ग्रामीणों ने रास्ता खोले जाने के लिए किसानों को फिर से मांगपत्र सौंपा है।
व्यवस्था पुख्ता करने समेत कार्रवाई की मांग
शंभू बॉर्डर पर रास्ता खुलवाने के लिए ग्रामीणों ने 30 गांवों की 10-सदस्यीय कमेटी बनाने की घोषणा भी की है। सोमवार को शंभू बॉर्डर पर किसानों ने बैठक की और उसके बाद किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल पटियाला के एसएसपी से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपकर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने समेत कार्रवाई की मांग की।
किसानों ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर मंगलवार सुबह 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई है, जिसमें आगे की रणनीति घोषित करेंगे।