शिरोमणि अकाली दल ने उपचुनाव में जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट के लिए बसपा उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला लिया है न कि उसको, जिसे उसने आधिकारिक रूप से मैदान में उतारा था ।
जालंधर उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी का समर्थन करेगी शिअद
उपचुनाव की बातें पंजाब में जोर पकड़ रही हैं. शिरोमणि अकाली दल ने उपचुनाव में जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट के लिए बसपा उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला लिया है न कि उसको, जिसे उसने आधिकारिक रूप से मैदान में उतारा था. ऐसा इसलिए क्योंकि उसे पार्टी पैनल ने चुना था, जिसके दो सदस्यों ने पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ बगावत शुरू कर दी है ।
शिअद अब प्रत्याशी को बदल भी नहीं सकती, क्योंकि नामांकन वापिस लेने का अंतिम तारीख पहले ही निकल चुकी है. शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि पार्टी के पास 10 जुलाई को होने वाले उपचुनाव के लिए कोई उम्मीदवार नहीं है ।
वहीं जालंधर जिला के शिअद प्रमुख ने बताया था कि पार्टी ने जालंधर पश्चिम की अपनी प्रत्याशी सुरजीत कौर से समर्थन वापस ले लिया है, जो कि 2 बार से पार्षद भी रही हैं. सुरजीत कौर को पैनल ने चुना था, जिसमें बीबी जागीर कौर, गुरप्रताप सिंह वडाला, विधायक सुखविंदर सुखी और मोहिंदर सिंह केपी शामिल है ।
समर्थन वापिस लेने के पीछे का कारण ये है कि जागीर कौर और वडाला अब बागी पार्टी नेताओं में शामिल हैं. इन्होंने सुखबीर बादल से पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की मांग की है ।
समर्थन वापिस लेने के पीछे का कारण ये है कि जागीर कौर और वडाला अब बागी पार्टी नेताओं में शामिल हैं. इन्होंने सुखबीर बादल से पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की मांग की है ।
दलजीत सिंह चीमा ने कार्यकर्ताओं से बसपा के उम्मीदवार बिंदर कुमार को सपोर्ट करने को कहा है. वरिष्ठ शिअद नेता ने यह भी कहा कि उन्होंने सुरजीत कौर से उपचुनाव न लड़ने का अनुरोध किया है ।
नामांकन वपिस लेने की आखिरी तारीख 26 जून थी. सुरजीत कौर को पहले ही शिअद का चुनावी सिंबल अलॉट कर दिया गया है और सुरजीत उन्ही 15 प्रत्याशियों में शामिल थीं, जो आप विधायक शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद उपचुनाव के मैदान में हैं ।