26 नवंबर साल 2008…यह तारीख कोई भी सुनता है तो आज से 14 साल पहले ताज पर हुए हमले की वो काली तस्वीर हम सबके सामने आ जाती है। वो चीखें, वो बंदूकों की आवाजें और पूरी मुंबई का सन्नाटा आज भी रुह को झंझोड़ रख देता है। इसे याद कर आद भी देशवासियों की आंखें नम हो जाती हैं। इस आतंकी हमले में जहां 150 से अधिक लोग मारे गए वहीं 18 सुरक्षाकर्मी घायल हुए।
सब सही चल रहा था लेकिन फिर मुंबई में पड़े 10 आतंकियों के कदम
साल 2008… दिन 26 नवंबर, सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है। लोग वैसे ही अपने-अपने काम में लगे हुए लेकिन शायद वह जानते नहीं थे कि यह सवेर उनकी जिंदगी में दर्द को वो गहरे घाव छोड़ कर जाएगी। तभी मुंबई में पाकिस्तान से आए 10 आतंकी दाखिल हुए। पाकिस्तान के कराची से सभी 10 आतंकी एक नाव के जरिए समंदर के रास्ते से मुंबई में दाखिल हुए। पहले उन्होंने भारतीय नाव को अगवा किया और उसमें सवार सभी को मार गिराया।
शिवाजी रेलवे टर्मिनल पर गोलीबारी
इसके बाद आतंकियों ने टैक्सी पकड़ी और आतंकियों का एक दस्ता रात साढ़े 9 बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन पहुंचा। जहां उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग की। इतना ही नहीं आतंकियों ने उस रात मुंबई की कई नामचीन जगहों को टारगेट किया, इनमें ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस भी शामिल है। जिसके बाद पूरी मुंबई सहम गई और जवाब में सुरक्षा बलों ने भी अपनी कार्रवाई शुरू की जो कि तीन दिन तक चली। 29 नवंबर की सुबह भारतीय जवानों ने नौ हमलावर आतंकियों का सफाया कर दिया। अजमल कसाब के तौर पर एक हमलावर पुलिस की गिरफ्त में था जिसे फांसी दी गई।