पंजाब में शुक्रवार को मानसून पूरी तरह छा गया। कई जिलों में मानसून के मेघ जमकर बरसे। शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) में शाम पांच बजे तक 57.5 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। जिले के कई इलाकों की खड्डों व नालों में जलस्तर बढ़ गया। काठगढ़ की खड्ड में पहाड़ों से भारी मात्रा में पानी आने के कारण बाढ़ आ गई।
इस कारण एक पुल बह गया। इससे काठगढ़ के आसपास के करीब सौ गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है। प्रदेश के कई जिलों में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी वर्षा हुई।
पहाड़ी इलाकों में भारी वर्षा हो रही है, जिसका असर मैदानी इलाकों में दिखने लगा है। भारी वर्षा के कारण काठगढ़ में खड्ड में बाढ़ आ गई और पानी के तेज बहाव में एक पुल बह गया। यह पुल काठगढ़ को आसपास के 100 के करीब गांवों को आपस में जोड़ता था।
दिल्ली में इस बार 228.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले 88 सालों में जून में हुई सबसे अधिक बारिश है. दिल्ली में बाढ़ के हालात सबसे पहले 1978 में बने थे । यह दिल्ली के लोगों के लिए नया अनुभव था । लोगों में इतनी जिज्ञासा पैदा हुई कि वो आईटीओ पुल तक केवल बाढ़ देखने के लिए गुजरने लगे ।
भीषण गर्मी से तप रही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बारिश शुरू हुई तो पिछले सभी रिकॉर्ड टूटते चले गए। बादलों ने इतना ज्यादा पानी बरसाया कि 88 साल में कभी दिल्ली ने इतना पानी नहीं देखा था। गाड़ियां इसमें बहने लगीं और पूरी दिल्ली में बाढ़ के हालात बन गए. लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है।
दिल्ली के लोग पहली बार साल 1978 में बाढ़ से परिचित हुए थे। तब बारिश के पानी ने दिल्ली को भारी नुकसान पहुंचाया था. नजफगढ़ के पास बांध टूटने से दिल्ली में पहली मंजिल तक पानी भर गया था।आदर्श नगर और मुखर्जी नगर जैसे इलाके डूब गए थे. आइए जानते हैं कि कैसा था वह मंजर।
मौसम पूरी तरह बदल गया