सर्दी का मौसम आ चुका है, सुबह शाम धुंध भी दस्तक देने वाली है लेकिन सड़कों पर लोगों की जान की सेफ्टी नहीं है सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे दिखाई देते हैं और साथ में कई जगह तो सफेद पट्टी भी गायब है। निसिंग से गोंदर, गोंदर से गुलरपुर, निसिंग से ब्रास औरअमुपूर से सीतामाई जाने वाली सड़क के सबसे ज्यादा खस्ता हालात हैं। इन सड़कों पर विभाग की लापरवाही के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को इससे कोई लेना-देना नहीं है। खराब सड़कों में अधिकतम सड़कें पीडब्ल्यूडी विभाग की है क्योंकि जब तक सड़क नए सिरे से बनने की प्रक्रिया नहीं बनती तो विभाग कोई वैकल्पिक समाधान नहीं कर सकता और हर साल सड़कों का पेंच वर्क करने के लिए करोड़ों रुपए का बजट बनाया जाता है। निसिंग क्षेत्र मे सड़कों पर गहरे गड्ढे होने की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं सरकार और प्रशासन की इस लापरवाही का खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है।
जगदीप सिंह ओलख, अमनदीप सिंह बब्बर, अमृतपाल सिंह बुग्गा, छत्रपाल सिंह, राजवीर और शेर सिंह का कहना है कि निसिंग क्षेत्र मे कई सालों से ना तो सड़कें बनी हैं न ही गड्ढों को भरा जा सका है। इन सड़को पर रात के समय निकलने में भी लोगों को डर सताता है। लोगों का कहना है कि मूलभ सुविधाएं पाना नागरिकों का अधिकार है और यह जिम्मेदारी पूरी करना सरकार और प्रशासन का ही काम है।सड़कों की हालात देखकर ऐसा लगता है कि सड़कें जानलेवा बन चुकी हैं। इस संबंध में जब एक्सइएन संदीप कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि निसिंग से गोंदर की सड़क की अप्रूवल मिल गई है और जल्द ही इसका कार्य शुरू करा दिया जाएगा और गोंदर से गुलरपुर और निसिंग से ब्रास कि सड़क का एस्टीमेट बनाकर मुख्यालय भेजा गया है जैसे भी अप्रूवल मिलेगी काम शुरू कर दिया जाएगा। लोगों से अपील है कि धुंध के मौसम में सजग होकर वाहन चलाएं।