एक हालिया स्टडी में सामने आया है कि गूगल का सर्च एल्गोरिद्म एआई और एसईओ फोक्स्ड कंटेंट को ऑरिजनल कंटेंट से ज्यादा अच्छी रैंक देता है।
हालांकि, यह भी छुपा नहीं है कि कंपनी ने सर्च रिजल्ट को बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं।
एक हालिया स्टडी में सामने आया है कि गूगल का सर्च एल्गोरिद्म एआई और एसईओ फोक्स्ड कंटेंट को ऑरिजनल कंटेंट से ज्यादा अच्छी रैंक देता है।
हालांकि, यह भी छुपा नहीं है कि कंपनी ने सर्च रिजल्ट को बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं।
बावजूद इसके ऑरिजनल कंटेंट क्रिएट करने वाले लोगों को एआई की वजह से परेशानी झेलनी पड़ रही है। दरअसल, गूगल सर्च एल्गोरिद्म द्वारा इस तरह की रैंकिंग से ऑरिजनल कंटेंट क्रिएटर्स को अपने काम को बचाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
इस परेशानी को 404 मीडिया द्वारा देखा गया। इसमें पाया गया कि इस साल की शुरुआत में कुछ बेसिक सवालों के जवाब में गूगल समाचार में एआई जनरेटेड कंटेंट दिखाए जा रहे थे।
दरअसल, एआई जनरेटेड कंटेंट को लेकर स्पैम कंटेंट एक बड़ी परेशानी है।WIRED की एक जांच में सामने आया है कि गूगल के कई प्रयासों के बाद ही गूगल न्यूज में एआई-मेड स्पैम कंटेंट एक बड़ी परेशानी है।
एम्सिव में सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन की वरिष्ठ निदेशक लिली रे (Lily Ray) ने इस बड़ी परेशानी की पुष्टि की है।
उन्होंने WIRED को बताया कि उनके कुछ क्लाइंट ने देखा है कि उनके लेखों को AI द्वारा ऐसी सामग्री में बदल दिया गया है जो मूल सामग्री से काफी मिलती-जुलती है। लेकिन मूल रूप से AI द्वारा फिर से लिखे गए पाठ का एक मिश्रण है।
इस जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ ब्लॉग साइट्स टेक्स्ट और इमेज को लेकर पूरी तरह से एआई पर निर्भर हैं।
एक इटैलियन मार्केटिंग एजेंसी ने भी कंफर्म किया है कि वह कंटेंट क्रिएट करने के लिए एआई टूल का इस्तेमाल करती है। हालांकि, इस एजेंसी ने यह भी माना कि वह साथ ही साथ बौद्धिक संपदा अधिकारों का सम्मान भी करती है।
जब इस विषय को लेकर कंपनी से कॉन्टैक्ट किया गया तो गूगल के प्रवक्ता Meghann Farnsworth ने दोहराया कि उनकी अपडेटेड स्पैम पॉलिसी गूगल पर अच्छी रैंकिंग के लिए बड़े पैमाने पर कम मूल्य वाली अप्रमाणिक सामग्री बनाने पर रोक लगाती हैं।