कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने माना कि आपातकाल एक गलती थी और कहा कि इंदिरा गांधी ने खुद गलती स्वीकार भी की थी। पी चिदंबरम का यह बयान आया है, जब हाल ही में केंद्र सरकार ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
पी चिदंबरम ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा, ‘बीजेपी 18वीं या 17वीं सदी में वापस क्यों नहीं जा रही है? आज रहने वाले 75 प्रतिशत भारतीय 1975 के बाद पैदा हुए हैं। आपातकाल एक गलती थी और इसे इंदिरा गांधी ने स्वीकार किया था। हमने संविधान में संशोधन किया है, ताकि आपातकाल इतनी आसानी से नहीं लगाया जा सके।’
अतीत से सबक सीखा गया है: चिदंबरम
उन्होंने आगे पूछा कि 50 साल बाद आपातकाल के अधिकारों और गलतियों पर बहस करने का क्या मतलब है, जबकि इस बात पर जोर दिया कि अतीत से सबक सीखा गया है। उन्होंने कहा, ’50 साल बाद आपातकाल के सही और गलत पर बहस करने का क्या मतलब है? भाजपा को अतीत को भूल जाना चाहिए। हमने अतीत से सबक सीखा है।’
गौरतलब है कि इस माह की शुरुआत में केंद्र सरकार ने आपातकाल की सालगिरह के मौके पर ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने की घोषणा की थी। इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया हुई और विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘पिछले 10 वर्षों में आपकी सरकार ने हर दिन संविधान हत्या दिवस मनाया है। आपने देश के हर गरीब और वंचित वर्ग का आत्म-सम्मान छीन लिया है।’
टीएमसी ने कहा- ध्यान हटाने की कोशिश
केंद्र की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा अपनी जनविरोधी नीति से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘उनकी आलोचना की गई है। इंदिरा गांधी एक बार हार गईं और वह प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में वापस आईं तो वह अध्याय इतिहास का सिर्फ एक पन्ना था और वर्षों बाद भाजपा अपनी जनविरोधी नीति और आपदाओं से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।’