जालंधर वेस्ट सीट पर आम आदमी पार्टी की जीत के बाद नगर निगम चुनावो की सुगबुगाहट तेज हो गई है। यहां बताना उचित होगा कि लुधियाना, जालंधर, पटियाला, अमृतसर में नगर निगम के मेयर का कार्यकाल पिछले साल जनवरी से लेकर अप्रैल के बीच पूरा हो गया है।
जहां तक नियमों का सवाल है, नगर निगम के जनरल हाऊस का कार्यकाल पूरा होने के 6 महीने के अंदर नए सिरे से चुनाव करवाना लाजिमी है लेकिन अभी तक उपरोक्त नगर निगमों में चुनाव करवाने के लिए कोई शेड्यूल जारी नहीं किया गया है। जिसके लिए पहले लोकसभा चुनाव की वज़ह से देरी होने का हवाला दिया गया और फिर जालंधर वेस्ट सीट पर उपचुनाव की घोषणा की गई। अब यह सीट आम आदमी पार्टी जीत गई है तो सियासी गलियारे में चर्चा शुरू हो गई है कि अपने हक में बने इस माहौल को भुनाने के लिए जल्द नगर निगम चुनाव करवा सकती है।
आम आदमी पार्टी की तरफ से इन चुनावों को जीतने की कोशिश की जाएगी। जालंधर में आप को उपचुनाव में 58 फीसदी मतदान हुआ है, जिसने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। वेस्ट विधानसभा हलके में 28 वार्ड हैं, जिनमें सभी वार्ड आप ने जीते हैं।
हालांकि अभी चार विधानसभा उपचुनाव भी सिर पर हैं, जिसमें गिदड़बाहा, बरनाला, चब्बेवाल व डेरा बाबा नानक शामिल हैं। आप इन चुनावों में भी जालंधर की भांति पूरी ताकत झोंकने जा रही है। अभी इन चारों विधानसभा उपचुनाव की तिथि घोषित नहीं हुई है।
पांच निगम और 41 परिषद के होने हैं चुनाव
प्रदेश में पांच नगर निगमों और 41 नगर परिषदों के चुनाव भी होने हैं। अमृतसर और पटियाला नगर निगम का कार्यकाल पिछले साल 22 जनवरी को खत्म हो गया था। इसके अलावा जालंधर नगर निगम का कार्यकाल 24 जनवरी 2023 और लुधियाना एमसी का कार्यकाल 26 मार्च 2023 को खत्म हो गया था। वहीं फगवाड़ा एमसी में तो साल 2020 के मार्च में कार्यकाल समाप्त हो चुका है। स्थानीय निकायों में वार्डों के परिसीमन से संबंधित काम पूरा हो चुका है। पंजाब में 13,240 पंचायतें, 150 ब्लॉक समितियां और 22 जिला परिषदें हैं। जालंधर में जिस तरह से आप के पक्ष में आंधी चली है, उससे पार्टी के कई सीनियर नेताओं ने विचार करना शुरू कर दिया है कि जल्द से जल्द निकाय चुनाव करवा लिए जाएं।
देरी के लिए यह दिया जा रहा है हवाला
नगर निगम चुनाव में हो रही देरी के लिए पहले नए सिरे से वार्डबंदी न होने का हवाला दिया जा रहा था जो प्रक्रिया फाइनल होने में काफी देर लग गई। जब नए सिरे से वार्डबंदी फाइनल हो गई तो कोर्ट में केस पेंडिंग होने की वजह से नगर निगम चुनाव लटक गए।