पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश को हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इसमें सरकार ने कहा है कि कोर्ट को किसान संगठनों को बॉर्डर से धरना हटाने का निर्देश देना चाहिए था, ना कि बॉर्डर खोलने का।
मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
जमीनी हकीकत पर विचार किए बिना हाईकोर्ट ने अपने अधिकारों से परे जाकर बॉर्डर खोलने का आदेश जारी किया है, जो कि उचित नहीं है। हरियाणा सरकार की सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका पर 22 जुलाई को सुनवाई होगी। चूंकि, मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है, ऐसे में बुधवार को बॉर्डर खुलने की उम्मीद कम है।
हालांकि, किसानों ने बॉर्डर खुलते ही दिल्ली कूच करने का एलान कर दिया है। हाईकोर्ट ने 10 जुलाई के अपने आदेश में हरियाणा सरकार को एक सप्ताह में शंभू बार्डर खोलने के लिए कहा था। 18 जुलाई को हाईकोर्ट के आदेश को एक सप्ताह पूरा हो जाएगा।
किसान एमएसपी समेत कई मुद्दों पर कर रहे मांग
हालांकि, अब तक हरियाणा सरकार की ओर से बॉर्डर खोलने के लिए किसी तरह की हरकत दिखाई नहीं पड़ रही है। वहां आठ लेयर की सिक्योरिटी है, ताकि किसान दिल्ली की तरफ कूच ना कर सकें। किसान एमएसपी की गारंटी समेत करीब आधा दर्जन मांगों को पूरा करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
हरियाणा सरकार का मानना है कि यदि किसान दिल्ली जाने में कामयाब हो गए तो कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। ऐसे में उसे फिर से शंभू बार्डर को बंद करना पड़ेगा, जिससे बॉर्डर खोलने के आदेश का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। हरियाणा सरकार की दलील हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि संविधान के तहत कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है।
500 आंदोलनकारी शंभू बॉर्डर पर तैनात
जमीनी हकीकत बॉर्डर पर खतरे की आशंका है। 400-500 ट्रालियां और 50-60 अन्य वाहन के साथ लगभग 500 आंदोलनकारी अब भी शंभू बॉर्डर पर मौजूद हैं। सरकार के पास और भी कई ऐसे इनपुट हैं, जिनसे शांति भंग की पूरी तरह से आशंका बनी हुई है। ऐसे में शंभू बार्डर को अवरुद्ध करना अथवा उसे खोलने का निर्णय करना राज्य का काम है।
किसानों की 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकालने की भी योजनासंयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत ¨सह डल्लेवाल ने मंगलवार को प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि शंभू बार्डर खुलते ही किसान दिल्ली कूच करेंगे। हमारी पहली प्राथमिकता दिल्ली और दूसरी रामलीला मैदान में जाने की है।
15 अगस्त को निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च
मांगों को लेकर किसानों की 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकालने की भी योजना है। हमारी मांगें जब तक पूरी नहीं होंगी, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। किसानों की महापंचायत 15 सितंबर को जींद के पास होगी। इसके अलावा एक महापंचायत अंबाला के पास की जाएगी। पंजाब में भी पंचायत करेंगे।
किसान संगठनों का 22 जुलाई को होगा संयुक्त सम्मेलन
उधर, दिल्ली कूच करने के लिए शंभू और खनौरी बार्डर पर किसान जुट रहे हैं। वे अपने साथ छह माह का राशन लेकर आ रहे हैं। प्राइवेट बिल के लिए राहुल व अखिलेश को लिखा पत्र किसान नेताओं ने कहा कि 22 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा का संयुक्त सम्मेलन नई दिल्ली में होगा।
दोनों मोर्चों ने राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत विपक्ष के तमाम नेताओं से मुलाकात के लिए पत्र लिखा है।
उनसे मुलाकात कर संसद के आगामी सत्र में एमएसपी गारंटी कानून समेत किसानों की तमाम मांगों पर प्राइवेट बिल लाने की मांग की जाएगी। आने वाले दिनों में हरियाणा में घर-घर जाकर दोनों मोर्चों के पदाधिकारी किसानों व मजदूरों को जागरूक करेंगे।