कांवड़ यात्रा 2024 की शुरुआत 22 जुलाई से होगी और यह 3 अगस्त तक चलेगी। इस दौरान शिव भक्त हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री से गंगाजल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। यात्रा के दौरान हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून के मार्गों पर यातायात के विशेष इंतजाम किए जाते हैं। विभिन्न राज्यों से लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में भाग लेते हैं। लेकिन इस बीच अगर आप भी Haridwar जाने का प्लान बना रहे तो जरा इन रूट्स पर एक नज़र जरूर डाले क्योंकि यहां आपको भारी ट्रैफिक मिल सकता है।
पहला सोमवार 22 जुलाई को
22 जुलाई से सावन मास का शुरुआत के साथ पहला सोमवार है। इस माह में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, बरेली, पीलीभीत, संभल, बदायूं, मुरादबाद, रामपुर आदि जिलाें से शिवभक्तों का आगमन गंगा नगरी ब्रजघाट में होता है।
पहले सोमवार के लिए जल भरने के लिए कांवड़िये निकल रहे हैं। शनिवार-रविवार को हाईवे पर जीरो ट्रैफिक रखने का प्लान बनाया। हालांकि शनिवार को कांवड़ियों की भीड़ न के बराबर रही। इसलिए पुलिस ने जीरो ट्रैफिक नहीं किया। लेकिन, भारी वाहनों का आवागमन जरूरी बंद कर दिया है।
कांवड़ यात्रा को लेकर एसडीएम में तैनात किए सेक्टर मजिस्ट्रेट
सावन मास के चलते उप जिलाधिकारी चंद्रकांता ने तहसील क्षेत्र को छह भागों में विभाजित का यहां सेक्टर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की है। सभी को अपने-अपने क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए सजग रहने के निर्देश दिए हैं।
उप जिलाधिकारी चंद्रकांता ने बताया कि सावन मास शुरू हो चुका है। ऐसे में हरिद्वार व बृजघाट से गंगाजल लेकर कांवड़िए विभिन्न मार्गो से होकर गुजरते हैं। श्रावण मास की शिवरात्रि व सोमवारों पर मंदिरों में जलाभिषेक किया जाता है।
शांति व्यवस्था को लेकर उन्होंने तहसीलदार धनौरा परमानंद श्रीवास्तव को धनौरा-गजरौला मार्ग चौपला तक, नायब तहसीलदार धनौरा वीरेंद्र पाल सिंह को दिल्ली-गजरौला मार्ग, विजय कुमार सक्सेना खंड विकास अधिकारी धनौरा को धनोरा-चांदपुर मार्ग तथा शिव मंदिर पत्थरकुटी, अरुण कुमार खंड विकास अधिकारी गजरौला को रजबपुर-गजरौला मार्ग चौपला तक, प्रदीप कुमार सहायक चकबंदी अधिकारी धनौरा को गजरौला-भानपुर मार्ग चोपला तक, डा. भागेश सिंह पशु चिकित्साधिकारी आदमपुर को धनौरा- अमरोहा मार्ग पर सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है।
•वाहनों हेतु यातायात डायवर्जन प्लान कांवड मेला-2024 (kanwar yatra 2024)
• हरिद्वार- सामान्य दिनों में हरिद्वार आने वाले वाहन-दिल्ली/मेरठ / मुजफ्फरनगर/मंगलौर से
-हरियाणा/पंजाब/हिमाचल प्रदेश/सहारनपुर/छुटमलपुर/देहरादून से
– देहरादून, ऋषिकेश से नेपाली तिराहा, टायवाला से
– नैनीताल, नजीबाबाद श्यामपुट से
– हरियाणा/पंजाब से नजीबाबाद/मुटादाबाद की और जाने वाले वाहन मु,नगर बाईपास-बिलासपुर- नजीबाबाद/मुटादाबाद की और जायेंगे।
कांवड वाहनों का हरिद्वार आने का मार्ग (route to haridwar)
दिल्ली-मेटठ-मु० नगर से हरिद्वार आने वाले वाहनः मु० नगर-मंगलौट नगला इमरती-लण्डौटा-लक्सर-एम.एम. तिटाहा-बैठागी कैम्प पार्किंग
– दिल्ली से देहदादून /ऋषिकेश जाने वाले वाहनः टामपुर तिराहा-देवबन्द छुटमलपुर-देहरादून/ऋषिकेश।
– यमुनानगर से हरिद्वार आने वाले वाहनः भगवानपुट-बिझौली-नगला इमरती-लक्सर-एस.एम. तिटाहा-बैटागी पार्किंग।
– बैटागी कैम्प पार्किंग में पार्क किये गये सभी प्रकार के वाहनों की निकासी: स्मशानघाट पुल-श्रीयंत्र पुल-बूढीमाता तिराहा देशरक्षक-सिंहद्वार- सर्विस लेल एन.एच.-344
– मुटादाचाद/मजीवाचाद की औठ से आने वाले वाहनः चिड़ियापुट-42 तिरछा पुल-नीलधाटा/गौटीशंकर पार्किंग
– देहरादून से ऋषिकेश से आने वाले वाहनों हेतुः नेपाली तिटाहा-सप्तऋषि-लालजीवाला पार्किंग
रोडवेज वाहनों हेतु Traffic plan
– दिल्ली/मेरठ/हरियाणा/पंजाब की टोडवेज बसें ऋषिकुल पार्किंग में पार्क की जायेंगी।
-नैनीताल/मुरादाबाद/बिजनौर की ओर से आने वाली टोडवेज बसें नौलधारा/गौटीशंकर पार्किंग में पार्क की जायेंगी।
-देहरादून/ऋषिकेश पर्वतीय क्षेत्र से आने वाली टोडवेज बसें मोचीचूट पार्किंग में पार्क की जायेंगी।
कांवड यात्रा के दौरान क्या करें
हरिद्वार आने वाले पैदल कांवड़ यात्री कांवड पटटी (नहर पटटी) का ही प्रयोग करें।
• कावंड यात्री अपना पहचान पत्र (डी.एल, आधार कार्ड) साथ अवस्य रखें
अपना वाहन निर्धारित पार्किंग में ही खड़ा करें अभ्यवा एम.वी. एक्ट की कार्यवाही की जायेगी।
• उठाईगिरी/जेबकतरों से सावधान रहें।
वाहन में बैठे कांवड यात्रियों की सूची एवं यात्रा विवरण अपने वाहन में अवश्य लगायें। • निर्धारित घाटों पर ही स्नान करें, अन्यत्र स्नान करने पर दुर्घटना की सम्भावना बनी रहती है।
कांवड यात्रा के दौरान क्या न करें
• कांवड यात्रा के दौटान अपने साथ (हाकी, बेसबाल, स्टिक, तलवार, नुकीले भाले, लाठी, डंडे आदि) लेकर न आयें।
• मादक द्रव्य पदार्थों (शराब, चरस, गांजा, सुल्फा) का सेवन न करें।
• कांवड यात्रा में चलने वाले जुगाड वाहन प्रयोग न करें।
• कांवड की ऊंचाई अधिकतम 7 फीट से ऊँची न रखें।
• कांवड यात्री रेल की छतों पर यात्रा न करें।
• पुलों से छलांग लगाकर उनान न करें नहीं तो जान-माल का नुकसान हो सकता है।
-कांवड में डीजे/लाऊडस्पीकर आदि का प्रयोग न करें।
-माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपाल करें।
-संदिग्ध/लावारिस वस्तु को न छुएं उसकी सूचना तत्काल पुलिस को दें।
-किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही फैलायें।
-हरिद्वार में प्लास्टिक व प्लास्टिक से बने उत्पादों का प्रयोग न करें।
-कांवड यात्रा के दौरान अपनी मोटर साईकिल का साइलेन्सर उतारकर न चलायें।