22 वर्ष पुराने राहुल मद्धेशिया अपहरण मामले में अमरमणि त्रिपाठी की संपत्तियों को कुर्क करने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरि ने पांच अगस्त तक संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है।
अपहरण व गैंगस्टर एक्ट के मामले में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी न्यायालय से गैर हाजिर चल रहे हैं। उनके द्वारा अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी, जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया था। अदालत में शनिवार को कोतवाली पुलिस ने कुर्की रिपोर्ट जमा करने के लिए और समय मांगा।
दूसरी तरफ इस मामले में अपहृत हुए राहुल मद्धेशिया की तरफ से उनके प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए बल दिया गया। अदालत ने राहुल की अर्जी को खारिज कर दी। राहुल ने अपने प्रार्थना पत्र में अमरमणि को निर्दोष बताते हुए प्रार्थना पत्र को पत्रावली में रखे जाने का अनुरोध किया था।
छह दिसंबर 2001 को रोडवेज तिराहा निवासी राहुल का अपहरण हुआ था। उसकी बरामदगी तत्कालीन मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ स्थित आवास से हुई थी। इस मामले में 19 दिसंबर 2001 को अमरमणि को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया था। 20 दिसंबर को लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया।
वहां से दो दिन की ट्रांजिट रिमांड मिली थी। 21 दिसंबर को सीजेएम बस्ती की अदालत में पेश किया गया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। एक फरवरी 2002 को उच्च न्यायालय से जमानत प्राप्त होने के बाद वह जेल से रिहा हुए थे।
बस्ती कोतवाली क्षेत्र के 22 वर्ष पुराने अपहरण के मामले में अमरमणि की अग्रिम जमानत अर्जी एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरि ने बीते दिनों खारिज कर दिया था। अपहृत किए गए राहुल मद्धेशिया ने न्यायालय को बताया था कि उनके अपहरण में अमरमणि का कोई हाथ नहीं था। इसे आधार मानकर अमर मणि की तरफ से जमानत याचिका दाखिल की गई थी।