भाजपा के महानगर उपाध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल के शस्त्र लाइसेंस निरस्त होने का दर्द फेसबुक पर छलका। उन्होंने लिखा कि मेरे मामले का किसी नेता, मंत्री, सांसद ने संज्ञान नहीं लिया। मेरा साथ न देते तो कम से कम साथ खड़े होकर प्यार से दो बोल ही बोल देते। मन में विचार आ रहा कि मुस्लिम बन जाऊं। उन लोगों के साथ रहने पर पीड़ा तो होगी, मगर इस बात का दुख नहीं होगा कि कोई बोल नहीं रहा। बाकी जो भाग्य को मंजूर हो…यदि मेरी बात नहीं सुनी गई तो 15 दिन में मुस्लिम धर्म अपना लूंगा।
उनकी इस पोस्ट के बात पार्टी में खलबली मची। कुछ पदाधिकारियों ने पोस्ट हटवाने और वार्ता के लिए उन्हें फोन किया मगर काल रिसीव नहीं हुए। महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना उनसे बात करने घर जा रहे।
पोस्ट के संदर्भ में प्रदीप से बात की गई। उनका कहना है कि मैंने अपना दर्द लिखा है…बस।
बता दें कि डेढ़ वर्ष पुराने जानलेवा हमले के मुकदमे में तीन दिन पहले उनका शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। दरअसल अप्रैल 2022 में सुभाष नगर क्षेत्र में सिपाही के बेटे के साथ उनकी नोक झोंक हुई थी, जिसके बाद उन्होंने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से फायर किया। इसमें सिपाही का बेटा हिमेश घायल हो गया था। मामले में महानगर उपाध्यक्ष के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज हुई। इधर कुछ दिन पहले डीएम रविंद्र कुमार ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर उनके दोनों शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए।
Bareilly News भारतीय जनता पार्टी के महानगर उपाध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल के शस्त्र लाइसेंस निरस्त होने का दर्द फेसबुक पर छलका। उन्होंने लिखा कि मेरे मामले का किसी नेता मंत्री सांसद ने संज्ञान नहीं लिया। मेरा साथ न देते तो कम से कम साथ खड़े होकर प्यार से दो बोल ही बोल देते। मन में विचार आ रहा कि मुस्लिम बन जाऊं।