जिसके बाद जैसे ही वह ओमान के समुद्र क्षेत्र में पहुंचा तो वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसके चलते वह डूब गया। उक्त हादसे में चालक दल के 16 सदस्य लापता हो गए, जिनमें से अभी भी 6 लापता है जबकि बचाव कार्य चलाने के बावजूद 6 क्रू मैंबर अभी भी लापता हैं।
इनमें से 4 भारतीय मूल के हैं और इन 4 में से एक पठानकोट का रहने वाला है, जिसकी पहचान राजिंदर मिन्हास के रूप में हुई है, जो अब तक इस जहाज में मुख्य अधिकारी के रूप में तैनात था। लेकिन उनका अभी तक कोई अता- पता नहीं चल सका, जिसके चलते उनके परिवार में शोक की लहर है और परिवार के लोग काफी परेशान हैं। परिवार वालों ने भारत सरकार से मांग करते हुए उन्हें ढूंढने की गुहार लगाई है। परिवार की चिंता इसलिए बढ़ गई है कि पिछले काम करते हैं और वह 11 जुलाई को शिप पर ड्यूटी करने गए थे और उन्हें 14 जुलाई को खबर मिली थी कि उनका शिप पलटने के कारण डूब गया है। इसके बाद 17 जुलाई को पता चला कि शिप मै काम करने वाले 16 व्यक्तियों में से 9 मिल गए हैं, जिसमें एक बॉडी भी मिली है जबकि 6 लोग अभी भी लापता हैं जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
निर्मल मिन्हास ने कहा कि वह सर्च ऑप्रेशन बंद न करें और उसे जारी रखें ताकि राजिंदर मिन्हास के बारे में पुख्ता जानकारी मिल सके। उन्होंने भारत सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनके बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है, इसके लिए वह उनकी सहायता करते हुए उन्हें ढूंढ़ने का सहयोग करें, ताकि उनके बारे में पता चल सके।
लापता लोगों को किया जा रहा तलाश
ओमान के समुद्री सुरक्षा केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि ये जहाज सोमवार (15 जुलाई) को ओमानी बंदरगाह दुकम के पास रास मदरका से 25 समुद्री मील दक्षिण-पूर्व में पलट गया था। जहाज की पहचान प्रेस्टीज फाल्कन के नाम से हुई है। फिलहाल, चालक अभी भी लापता है। उनकी तलाश की जारी है. शिपिंग डेटा से पता चलता है कि यह जहाज 2007 में निर्मित 117 मीटर लंबा तेल उत्पाद टैंकर हैं।
अदन की खाड़ी और लाल सागर में लगातार हो रहे हमले
बता दें कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से अदन की खाड़ी और लाल सागर में समुद्री जहाजों पर लगातार हमले हो रहे हैं। ईरान समर्थित हूती विद्रोही इन हमलों को अंजाम दे रहे हैं। अमेरिका व ब्रिटेन संयुक्त रूप से हूती विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुके हैं, पर इसके बावजूद व्यापारिक जहाजों पर हमले नहीं रुक रहे हैं।
हमले नहीं रुके तो बिगड़ेंगे हालात
हूती विद्रोहियों के हमले के चलते अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और इसकी वजह से कई व्यापारिक जहाज अफ्रीका होते हुए लंबा रास्ता तय कर रहे हैं। इस कारण महंगाई बढ़ी है। यदि लाल सागर और अदन की खाड़ी में व्यापारिक जहाजों पर हमले नहीं रुके तो हालात और ज्यादा खराब हो सकते हैं।