भारतीय फुटबॉल में अगर कोई सबसे बड़ा नाम हुआ है तो वो बाइचुंग भूटिया रहे हैं. भूटिया को तो अब फुटबॉल छोड़े कई बरस बीत चुके हैं. लेकिन, उनके भाई पेरिस ओलंपिक में भारत का परचम बुलंद करने की मुहिम में जुटे हैं।
हम बात कर रहे हैं तरुणदीप राय की, जो भारतीय सेना के 2 जवानों की मदद से 150 मिनट में इतिहास रच सकते हैं. पुरुषों में भारतीय तीरंदाजी के सबसे अनुभवी खिलाड़ी तरुणदीप राय, बाइचुंग भूटिया के चचेरे भाई हैं. और, इस वक्त पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने की फिराक में हैं।
तरुणदीप राय की मेडल जीतने की तमन्ना परवान चढ़ेगी या फिर उनके अरमान धूल जाएंगे, इसका फैसला 29 जुलाई को भारतीय समय से शाम के साढे़ 6 बजे से होने लगेगा।
यही वो वक्त होगा जब तरूणदीप राय, मेंस आर्चरी टीम के इवेंट में अपने उन दो साथियों के साथ उतरेंगे, जो सिर्फ आर्चर नहीं बल्कि भारतीय सेना के जवान भी हैं।
150 मिनट में हो सकता है कमाल
150 मिनट यानी ढाई घंटे के वक्त में मेंस आर्चरी टीम के सारे इवेंट देखने मिलेंगे. इसमें क्वार्टर फाइनल से लेकर गोल्ड मेडल तक के मुकाबले होंगे. शाम के साढ़े 6 बजे भारतीय मेंस आर्चरी टीम का क्वार्टर फाइनल मैच होगा।
उसके बाद क्वार्टर फाइनल मुकाबला जीते तो 7 बजकर 17 मिनट पर सेमीफाइनल खेला जाएगा. सेमीफाइनल जीते तो सीधे गोल्ड मेडल मैच में जगह बनेगी, जो कि भारतीय समय से रात के 8 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगा।
हालांकि, अगर सेमीफाइनल मुकाबला नहीं जीते तो भारत को ब्रॉन्ज मेडल मैच खेलना होगा, जो कि भारतीय समय से रात के 8 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगा।
सेना के 2 जवान और तरूणदीप राय रचेंगे इतिहास!
भारत की मेंस आर्चरी टीम में तरूणदीप राय के अलावा प्रवीण जाधव और धीरज बोम्मदेवरा हैं. प्रवीण और धीरज दोनों भारतीय सेना में हवलदार के पद पर तैनात हैं। लेकिन, पेरिस ओलंपिक में फिलहाल ये दोनों सेना के जवान उस इतिहास को रचने में तरूणदीप राय का साथ निभाते दिखेंगे, जिसका इंतजार भारत को बरसों से है।