जम्मू-कश्मीर में रविवार देर रात लगी आग में प्रवासी कश्मीरी पंडितों के तीन घर जलकर राख हो गए। यह घटना दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के मट्टन में हुई. हालांकि, इस घर में लगी आग में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। क्योंकि, ये तीनों घर कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के कारण कई सालों से खाली पड़े थे।
वहीं, स्थानीय लोगों की मदद से दमकल विभाग के कर्मियों ने आग पर काबू पाया. इस घटना के बाद अनंतनाग के कलेक्टर सैयद फखरुद्दीन और एसएसपी जीवी संदीप चक्रवर्ती भी मौके पर पहुंचे और घटना का जायजा लिया. साथ ही उन्होंने घरों में आग लगने के कारणों का जल्द पता लगाने के आदेश दिए हैं।
एक घर जेकेएनसी प्रवक्ता का मायका था
कश्मीरी पंडितों के घर में आग लगने की घटना पर राजनीतिक पार्टी जेके नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से ट्वीट कर आगजनी की घटना पर खेद जताया है. पार्टी ने कहा कि वह अनंतनाग में कश्मीरी पंडित भाइयों के साथ एकजुट है.
आगे कहा गया कि संपत्ति का यह नुकसान बेहद भावनात्मक है। प्रभावित घरों में से एक का भावनात्मक महत्व बहुत अधिक है. क्योंकि यह हमारे अतिरिक्त प्रवक्ता उमेश तलाशी का मायका था। ट्वीट में कहा गया, ‘हम अधिकारियों से दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए त्वरित और गहन जांच करने का आह्वान करते हैं. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। ’
कश्मीरी पंडितों के लावारिस धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सरकार करेगी
हाल ही में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने कश्मीरी पंडितों के लावारिस धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर अहम आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि सरकार कश्मीरी पंडितों के लावारिस धार्मिक स्थलों की सुरक्षा करेगी।
कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार को उन सभी संपत्तियों को वापस लेने का भी निर्देश दिया है, जिन्हें बेचा गया है, अतिक्रमण किया गया है या अवैध रूप से कब्जा किया गया है. वहीं, कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने जम्मू-कश्मीर में लावारिस कश्मीरी पंडित मंदिरों/धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले ली है ।