टाटा और बीएसएनएल के बीच सहयोग से दूरसंचार क्रांति आने की उम्मीद है, जिससे बेहतर सेवाएं और बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, खासकर ग्रामीण भारत में यह उम्मीद रतन टाटा की कंपनी द्वारा फिर से टेलीकॉम की दुनिया में कदम रखने से की जा सकती है।
क्या आपको टाटा इंडिकॉम याद है, वह टेलीकॉम ब्रांड जो कभी न्यूनतम रिचार्ज पर मुफ्त मिनट देता था? टाटा इस बार बीएसएनएल के साथ मिलकर टेलीकॉम सेक्टर में वापसी कर रहा है। इस अप्रत्याशित साझेदारी ने अन्य टेलीकॉम ऑपरेटरों पर इसके प्रभाव और उपयोगकर्ताओं के लिए लाभों के बारे में जिज्ञासा जगाई है।
हाल ही में, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने डेटा सेंटर स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए बीएसएनएल में 15,000 करोड़ रुपये का पर्याप्त निवेश किया। इस महत्वपूर्ण निवेश से चार प्रमुख क्षेत्रों में बड़ी प्रगति होने की उम्मीद है, जिससे अपार लाभ होने का वादा किया जा रहा है।
बीएसएनएल-टाटा सहयोग के सबसे बड़े लाभों में से एक ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट का प्रावधान है। इस योजना में 1,000 गांवों में तेज़ इंटरनेट पहुंचाना शामिल है, जहां बीएसएनएल ने पहले ही 4जी परीक्षण शुरू कर दिया है। अब तक, इन गांवों में केवल 3जी सेवाओं की पहुंच थी, जिससे यह अपग्रेड एक महत्वपूर्ण छलांग है।
इस साझेदारी की खबर के साथ ही ऐसी अफवाहें फैलने लगीं कि टाटा ने बीएसएनएल का अधिग्रहण कर लिया है। ये अफवाहें सोशल मीडिया पर तेजी से फैलीं। हालांकि, सच्चाई यह है कि टाटा ने बीएसएनएल में खरीद नहीं बल्कि रणनीतिक निवेश किया है। जुलाई की शुरुआत में जियो, एयरटेल और वोडाफोन ने अपने रिचार्ज प्लान की कीमतें बढ़ा दी थीं, जिसका सीधा असर यूजर्स पर पड़ा। इसके चलते कई लोगों ने अपने नंबर बीएसएनएल में बदल लिए।
इसके जवाब में, बीएसएनएल अब 5जी नेटवर्क क्षेत्र में प्रवेश करने की तैयारी कर रहा है, जिसका परीक्षण जल्द ही प्रमुख शहरों में शुरू होने वाला है। टाटा और बीएसएनएल के बीच सहयोग से दूरसंचार क्रांति आने की उम्मीद है।