यह सबसे बड़ी संख्या में लोगों के एक साथ डमरू बजाने का विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास होगा। यह कार्यक्रम सावन के पवित्र महीने में सोमवार को आयोजित किया जा रहा है, जो भगवान शिव के भक्तों के लिए एक बहुत ही पवित्र अवसर माना जाता है।
1,500 शिव भक्त डमरू बजाएंगे
धार्मिक नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल की विशेष सवारी निकलने से ठीक पहले डमरू कलाकार डमरू बजाएंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शहर के शक्ति पथ पर रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया जाएगा।
कार्यक्रम के लिए दोपहर 12 बजे का समय तय किया गया है। कार्यक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक, विश्व रिकॉर्ड बनाने के प्रयास में कुल 1,500 कलाकार निर्धारित स्थान पर 10 मिनट तक डमरू बजाएंगे। इस आयोजन को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने के लिए एक विशेष टीम को बुलाया गया है, जो पूरे आयोजन की रिकॉर्डिंग के लिए जिम्मेदार होगी, ताकि इसे रिकॉर्ड बुक में जोड़ा जा सके।
सावन का महत्व
उज्जैन में यह आयोजन सावन के पवित्र महीने में किया जा रहा है. यह महीना भगवान शिव की आराधना को समर्पित है। देश भर के शिव मंदिरों में सैकड़ों भक्त आते हैं और कई लोग गंगा नदी तक भी जाते हैं और भगवान को चढ़ाने के लिए वहां से पवित्र जल लाते हैं। इन लोगों को ‘कांवड़िये’ के नाम से जाना जाता है।
डमरू वादन के लिए भक्तों को मिलेगा 3 दिन का विशेष प्रशिक्षण
विश्व विख्यात महाकाल की सवारी में लाखों श्रद्धालु उज्जैन दर्शन के लिए आते हैं. मध्य प्रदेश सीएम ने बाबा महाकाल की सवारी को विश्व स्तर पर प्रख्यातक रने के लिए तीसरी सवारी को विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी की है. तीसरी सवारी में 1500 सवारियों से डमरू वादन की तैयारी की है, जिसके लिए भक्तों को तीन दिन का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
शाही सवारी में 10 मिनट डमरू बजाकर 1500 भक्त करेंगे प्रदर्शन
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि रिकार्ड बनाने के लिए भगवान महाकाल की तीसरी सवारी मार्ग पर करीब 1500 वादक डमरू बजाकर 10 मिनट प्रदर्शन करेंगे. डमरू वादक संस्कृति विभाग भोपाल से कलाकार और बाबा महाकाल की सवारी के साथ चलने वाली भजन मंडली के सदस्य होंगे।
वादन के दौरान मौके पर रहेंगे विश्व रिकार्ड दर्ज करने वाले अधिकारी
1500 डूमरु वादकों द्वारा बनाए जा रहे ऐतिहासिक विश्व रिकार्ड को दर्ज करने के लिए गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड के अधिकारी मौके पर मौजूद रहेंगे. विश्व रिकार्ड के प्रदर्शन के बाद भी डमरू वादक सवारी में रहेंगे. आयोजन की तैयारी,स्थान और वादक की संख्या तय करने के लिए एक समिति बनाई है. संभव है कि सवारी में सीएम भी शामिल होगें।
पहली शाही सवारी जनजातीय नृत्य, फिर पुलिस बैंड और अब डमरू वादन
सावन- भादो मास में उज्जयिनी में प्रति सोमवार बाबा महाकाल की सवारी निकालने की सदियों पुरानी परंपरा है. इसमें देश-विदेश के श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है. इस बार सवारी को आकर्षक बनाने के लिए पहले सीएम डॉ. यादव ने प्रदेश के विभिन्न आदिवासी अंचल के पारंपरिक लोक नृत्य दल के कलाकारों के दल को शामिल किया।
महाशिवरात्रि में शिवज्योति अपर्णम पर दीप जलाकर रिकॉर्ड बना चुका है उज्जैन
महाकाल की पहली सवारी में जनजातीय लोकनृत्य, दूसरी सवारी में जनजातीय लोगों के साथ करीब 350 सदस्यीय पुलिस बैंड से भोले के गीतों की प्रस्तुति और अब डमरू वादन ने विश्व रिकार्ड की तैयारी की गई है. इससे पहले महाशिवरात्रि पर शिवज्योति अर्पणम् के तहत दीप प्रज्वलित करने का रिकार्ड उज्जैन में बन चुका है।