केजरीवाल को 26 जून को तिहाड़ जेल से किया था गिरफ्तार

29 जुलाई को मामले में आरोप पत्र दाखिल करने वाली सीबीआई ने भी मांग थी कि जमानत याचिका पर पहले विशेष न्यायाधीश द्वारा विचार किया जाए। सीबीआई ने भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल को 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था।

इससे पहले 21 मार्च को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। ईडी के मामले में 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी। हालांकि, सीबीआई मामले में आरोपित होने के कारण केजरीवाल का बाहर आना संभव नहीं हो सका।

कोर्ट ने कहा- भ्रामक था केजरीवाल का तर्क

दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को मुकदमे की सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील की इस दलील को ‘भ्रामक’ करार दिया, जिसमें कहा गया था कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले से ही न्यायिक हिरासत में होने के कारण ट्रायल कोर्ट से जेल में बंद आरोपित से पूछताछ के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं थी। अदालत ने कहा कि सीबीआई को आवेदन देना पड़ा क्योंकि आरोपित को पीएमएलए मामले में न्यायिक हिरासत में रखा गया था।

अदालत की अपेक्षित अनुमति के बिना सीबीआई अधिकारियों को उससे पूछताछ करने की अनुमति नहीं दी गई होगी। अदालत ने कहा कि सीबीआई ने बताया था कि सुबूतों से सामना कराने, आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन के संबंध में आरोपितों/संदिग्धों के बीच रची गई बड़ी साजिश का पता लगाने और धन के लेन-देन का पता लगाने के लिए केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ की जरूरत थी।

सीबीआई ने निचली अदालत के समक्ष अपने आवेदन में कहा था कि जेल में पूछताछ के दौरान केजरीवाल टालमटोल करते रहे। इसके कारण प्रासंगिक साक्ष्य एकत्र करने में बाधा उत्पन्न हुई।